छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर 2 गांव वालों की बेरहमी से हत्या की खबर सामने आ रही है. यह वारदात रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात तर्रेम थाना क्षेत्र के छुटवाई और बड़ा तर्रेम गांवों में हुई, जहां अज्ञात माओवादियों ने धारदार हथियारों से कवासी जोगा (55) और मंगलू कुरसम (50) की हत्या कर दी.
बीजापुर एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने घटना की पुष्टि की है. इस घटना से जिले में दहशत का माहौल है और यह नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार हो रही हत्याओं की श्रृंखला की अगली कड़ी बन गई है.
नक्सली हिंसा का बढ़ता सिलसिला
इस साल अब तक बस्तर क्षेत्र के 7 जिलों में नक्सली हिंसा में लगभग 27 लोगों की जान जा चुकी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजापुर जिले में ही बीते 2 महीनों में 10 से अधिक ग्रामीण नक्सलियों द्वारा मारे जा चुके हैं. तर्रेम थाना की पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए जांच शुरू कर दी है और सुरक्षाबलों की टीम को मौके पर भेजा गया है.
पहले भी सामने आ चुकी हैं ऐसी घटनाएं
14 जुलाई को भी बीजापुर के फरसेगढ़ इलाके में शिक्षा दूत के रूप में कार्यरत 2 लोगों की हत्या कर दी गई थी. नक्सलियों को उन पर पुलिस मुखबिरी का शक था. इससे पहले 21 जून को पामेड़ थाना क्षेत्र में दो ग्रामीणों को मार डाला गया, वहीं 17 जून को पेद्दाकोरमा गांव में 13 वर्षीय बालक समेत 3 लोगों की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. जानकारी के अनुसार इन मृतकों में दो रिश्तेदार थे माओवादी दिनेश मोडियाम के, जिन्होंने मार्च में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था.
लगातार हो रही नक्सली हत्याएं सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं. जब तक बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास की ठोस पहल नहीं होती, तब तक आम ग्रामीण भय और असुरक्षा के साये में जीने को मजबूर रहेंगे.