Rail Roko Andolan: ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग को लेकर आज सुबह बस्तर के एकमात्र किरन्दुल-कोत्तवलसा की पटरियों पर ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया. ग्रामीणों के प्रदर्शन की वजह से घंटों रेल मार्ग बाधित रहा. ग्रामीणों की किरंदुल जाने वाली दो ट्रेनों के गांव में स्टॉपेज की मांग थी. रेल रोको आंदोलन की जानकारी मिलने पर स्टेशन मास्टर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी. रेलवे कर्मचारी और स्टेशन मास्टर घंटों ग्रामीणों को पटरी बहाल करने की गुजारिश करते रहे, लेकिन ग्रामीण लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे.


ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग पर ग्रामीणों का पटरियों पर धरना


वाजिब मांग को पूरा करने के आश्वासन पर काफी देर बाद रेल मार्ग बहाल हुआ. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लंबे समय से स्थानीय जनप्रतिनिधियों और रेलवे अधिकारियों से गांव में ट्रेनों के स्टॉपेज की मांग की जा रही है, बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हो रही है. आखिरकार आज पटरियों पर बैठकर किरन्दुल-कोत्तवलसा रेल मार्ग को बाधित करने के लिए मजबूर होना पड़ा. कोड़ेनार थाना क्षेत्र के कावड़ गांव और आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि पहले नक्सलवाद की वजह से ट्रेनों के नहीं रुकने का हवाला दिया गया. लेकिन अब इलाके में नक्सली बैकफुट पर हैं और नक्सलियों का किसी तरह से कोई डर नहीं है.


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जगदलपुर जाने के लिए किराया और सफर पड़ता है भारी


ग्रामीणों को दूसरे राज्य या जगदलपुर शहर जाने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है. ग्रामीणों को काफी महंगा किराया भी चुकाना पड़ता है. इसलिए मांग है कि विशाखापटनम से किरंदुल तक चलने वाली दिन और रात की ट्रेनों का गांव में स्टॉपेज बनाया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि पर पहुंचे रेलवे अधिकारियों ने जल्द मांग को डीआरएम कार्यालय तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है. एक आवेदन डीआरएम कार्यालय में देने को कहा गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अब इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होती है तो सभी ग्रामीण रेल रोको आंदोलन के लिए फिर से बाध्य होंगे. ग्रामीणों के प्रदर्शन से ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित नहीं लेकिन ग्रामीणों को दोबारा रेल मार्ग बाधित नहीं करने की समझाइश दी गयी है.


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