Korba News Today: भीषण गर्मी के साथ ही बिजली की डिमांड और खपत दोनों बढ़ गई है. जिसका असर बिजली आपूर्ति पर पड़ रहा है. बिजली की आंख मिचौली का सिलसिला शुरू हो गया है. आलम यह है कि फ्यूज कॉल सेंटर में एक साथ अलग-अलग क्षेत्रों से शिकायत आ रही है. विभाग के पास अमला सीमित है, ऐसे में सुधार कार्य में घंटों लग रहे हैं. 


गर्मी बढ़ते ही हर रोज कोरबा शहर में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है. कहीं 10 मिनट के लिए तो कहीं आधे घंटे के लिए बिजली आपूर्ति लगातार बाधित हो रही है. इसके उलट ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति का और भी बुरा हाल है. सबसे बड़ी परेशानी फॉल्ट ढूंढने को लेकर हो रही है. कई घंटों तक स्टॉफ फॉल्ट तलाशता रहता है. 


स्टाफ की कमी से मेंटनेंस में लगते हैं कई दिन
बिजली की हाइटेंशन और लो टेंशन टीमों में समन्वय की भी कमी स्पष्ट तौर पर सामने आ रही है. बीते 10 साल में मेंटनेंस और लाइन ठीक करने के नाम पर भारी भरकम राशि खर्च की जा चुकी है. उसके बाद भी फॉल्ट ढूंढने में घंटों लग जाते हैं. गर्मी में लोड बढ़ने की वजह से व्यवस्था लचर होनी लगी है. 


कोरबा शहर के दर्री, पाड़ीमार, तुलसीनगर जोन के वार्डों में समस्या बनी हुई है. हर जोन में गिनती के ही स्टॉफ हैं. किसी जोन में लाइन सुधारने के लिए 8 कर्मी है तो कहीं बड़ा फाल्ट होने पर तीन, तो वहीं छोटा फाल्ट होने पर दो लोगों की टीम बनाकर काम लिया जा रहा है. सभी एरिया इतने बड़े हैं कि एक साथ 30 से 40 शिकायतें आ जाती हैं. ऐसे में सभी जगह मेंटनेंस होने में कई घंटे लग जाते हैं. 


बिजली ठप्प होने से कामकाज प्रभावित
इस दौरान बिजली की अव्यवस्था की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल, बैंक और पुलिस चौकी में कामकाज पूरी तरह से ठप हो जाता है. ग्रामीणों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ता है. छोटे व्यापारियों को भी इससे नुकसान हो रहा है. हर साल की यह समस्या जस की तस बनी हुई है.


ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था बदतर
सबसे बुरा हाल ग्रामीण क्षेत्रों का है. यहां तो एक बार बिजली गई तो कब आएगी यह भगवान भरोसे है. विशेषकर रात के समय अगर बिजली गुल हुई तो शिकायत करने के बाद सुबह बिजली विभाग के कर्मचारी आते हैं, फिर पूरे दिन फॉल्ट ढूंढा जाता है.


अगले दिन सुधार के लिए मौके पर पहुंचते हैं. बड़ा फॉल्ट आने पर जैसे खंभे बदलने की जरुरत है या तार नया लगाना है तो फिर तीन से चार दिन लग जाता है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों या फिर कई दिन तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाती है.


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