Korba News: कोरबा (Korba) जिले के कोयलांचल क्षेत्र में लंबी बीमारी के बाद एक बुजुर्ग महिला के पति की मौत (Death) गई थी. महिला सदमा पत्नी बर्दाश्त नहीं कर सकी. उसने भी अर्थी उठने से पहले ही दम तोड़ दी. दंपत्ति की न सिर्फ गमगीन माहौल में एक साथ शव यात्रा निकाली गई, बल्कि एक ही चिता में अंतिम संस्कार भी किया गया.


दरअसल, कोरबा जिले के प्रगतिनगर कॉलोनी में बिहार के सिवान जिला निवासी संतोष कुमार सिन्हा रहते हैं. वह दीपका परियोजना में बतौर सीनियर मैनेजर कार्यरत हैं. उनके पिता वशिष्ठ नारायण सिन्हा (95 वर्ष) बीमारी से जूझ रहे थे. उनकी बुधवार की दोपहर तीन बजे लंबी बीमारी के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई. उनके शव को गेवरा स्थित विभागीय अस्पताल के मॉर्चुरी में रखवाया गया. घर में गृह शहर से आने वाले परिजनों का इंतजार किया जा रहा था. 


पति की अर्थी के पास रमावती ने तोड़ा दम
इधर पति की मौत के गम में डूबी 84 वर्षीय पत्नी रमावती सिन्हा का रो रोकर बुरा हाल था. वे बार-बार बेहोशी की आगोश में जा रही थीं. उनको संभाल पाना परिजनों के लिए भी मुश्किल हो रहा था. गुरुवार की सुबह बिहार से परिजनों के पहुंचने पर संतोष सिन्हा के शव को घर लाया गया. उन्हें अंतिम विदाई देने की तैयारी चल रही थी. घर के आंगन में अर्थी सजाई जा रही थी.  इसी बीच पति से हमेशा के लिए दूर चले जाने के गम में डूबी रमावती ने भी अर्थी के पास ही अपनी देह त्याग दी. यह देख लोगों की आंखें भी आंसुओं से भर गईं. घर से पति-पत्नी का एक साथ शव यात्रा निकाली गई. उनका स्थानीय मुक्तिधाम में एक ही चिता में अंतिम संस्कार किया गया. 


72 साल में न तो हुआ मन मुटाव न झगड़ा
मृत दंपत्ति के बेटे संतोष सिन्हा का कहना है कि उनके माता-पिता का विवाह वर्ष 1951 में हुआ था. उन्होंने बचपन से अब तक माता पिता के बीच न तो कभी मनमुटाव होते देखा और न ही वे आपस में झगड़ते नजर आए. उनकी समाज में भी एक अलग ही छवि थी. समाज के लोग उनका पूरा सम्मान करते थे.


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