मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार (24 नवंबर) को नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री चिराग पासवान से मुलाकात की. यह मुलाकात छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण और कृषि-आधारित उद्योगों को नई दिशा देने में बेहद अहम मानी जा रही है. दोनों नेताओं के बीच राज्य के विकास से जुड़े कई मुद्दों पर सकारात्मक और रचनात्मक चर्चा हुई.

Continues below advertisement

NIFTEM जैसे बड़े संस्थान की मांग

मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, एंटरप्रेन्योरशिप एंड मैनेजमेंट (NIFTEM) स्थापित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अगर यह संस्थान राज्य में खुलता है, तो यहां के युवाओं को आधुनिक खाद्य तकनीक, उद्यमिता और रोजगार आधारित प्रशिक्षण का बड़ा अवसर मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि के मामले में छत्तीसगढ़ बेहद समृद्ध है, ऐसे में इस संस्थान की स्थापना से किसानों, छात्रों और स्थानीय उद्यमियों को सीधा लाभ होगा. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक बताया और हर संभव सहयोग का भरोसा दिया.

Continues below advertisement

रायपुर में वर्ल्ड फूड इंडिया रीजनल समिट का प्रस्ताव

मुख्यमंत्री साय ने रायपुर में वर्ल्ड फूड इंडिया के रीजनल समिट कराने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि रायपुर की खाद्य परंपरा, अच्छी कनेक्टिविटी और सांस्कृतिक विविधता इसे ऐसे अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए आदर्श बनाती है.

सीएम ने सुझाव दिया कि यह आयोजन दिल्ली के वर्ल्ड फूड इंडिया या गुवाहाटी के नॉर्थ ईस्ट फूड फेस्ट की तर्ज पर हर दो साल में आयोजित हो सकता है. इससे प्रदेश के खाद्य उद्योग, स्टार्टअप्स, और घरेलू उत्पादों को वैश्विक पहचान मिलेगी.

फूड टेस्टिंग लैब और इर्रेडिएशन यूनिट की जरूरत पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए फूड टेस्टिंग लैब और फूड इर्रेडिएशन यूनिट की स्थापना जरूरी है. उन्होंने इसके लिए केंद्र से सहयोग मांगा.

उन्होंने कहा कि राज्य में धान और फल–सब्जियों पर आधारित उद्योग तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में बड़ी कंपनियों के निवेश से किसानों, महिलाओं के स्व–सहायता समूहों और ग्रामीण युवा वर्ग को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि राज्य की नई औद्योगिक नीति में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को खास जगह दी गई है. इसी नीति के तहत ड्रोल्स कंपनी ने छत्तीसगढ़ में ₹1,000 करोड़ का निवेश करने का फैसला किया है.

यह निवेश लगभग 3,000 युवाओं को रोजगार देगा और इसका सीधा फायदा ग्रामीण और आदिवासी समुदायों तक पहुंचेगा.

छत्तीसगढ़ को ‘राइस ब्रान ऑयल हब’ बनाने का लक्ष्य

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को पूरे देश का राइस ब्रान ऑयल हब बनाना है. इससे तेल आयात पर निर्भरता कम होगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूती मिलेगी.

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ और विकसित भारत 2047 का सपना इसी तरह के प्रयासों के माध्यम से पूरा होगा. मुलाकात में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत और इन्वेस्टमेंट कमिश्नर रितु सेन भी मौजूद रहीं.