छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक सरकारी टीचर को व्हाट्सअप स्टेटस लगाना महंगा पड़ गया. धमतरी जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने नारी गांव में पदस्थ सहायक शिक्षक ढालू राम साहू को निलंबित कर दिया है. टीचर ने राज्योत्सव मनाए जाने पर सवाल उठाए थे और स्कूलों में किताबों की कमी का जिक्र किया था.

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दरअसल, शिक्षक ढालू राम साहू ने राज्योत्सव के दौरान एक व्हाट्सअप स्टेटस डाला, जिसमें स्कूलों में किताबों की कमी और उससे होने वाली समस्या का हवाला देते हुए राज्योत्सव मनाए जाने पर सवाल उठाए थे. शिक्षक ने ये भी लिख दिया था कि जब तक स्कूलों में किताब नहीं दिए जाते तब तक डीईओ से लेकर कलेक्टर और मंत्री का वेतन काटा जाना चाहिए.

शिक्षक संगठनों ने कार्रवाई को गलत ठहराया

इस स्टेटस के वायरल होने पर जिला शिक्षा विभाग ने संज्ञान में ले लिया और इसे खराब आचरण मानते हुए शिक्षक को निलंबित कर दिया गया, इस मामले में धमतरी के शिक्षक संगठनों ने निलंबन की कार्रवाई को गलत ठहराया है.

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आरोप पत्र जारी करके जांच की जाएगी- डीईओ

धमतरी के डीईओ अभय जायसवाल ने टीचर के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा, ''शासकीय सेवा में रहते हुए उन्होंने सरकार के खिलाफ पोस्ट डाली है, जो कि शासकीय सेवा के आचरण के खिलाफ है, इसलिए प्रथम दृश्टया उन्हें निलंबित किया गया है. उसके बाद आरोप पत्र जारी करके जांच की जाएगी.''

स्कूलों में किताबों की कमी पर क्या बोले डीईओ?

जब डीईओ से सवाल किया गया कि क्या पहले भी कभी इस टीचर के खिलाफ शिकायत आई थी? इस पर उन्होंने कहा, ''टीचर पर पहले की शिकायत का मुझे कोई संज्ञान नहीं है. जहां तक किताबों का सवाल है वो चरणबद्ध तरीके से आई हैं और संकुल समन्वयक के माध्यम से स्कूलों में बांटी गई हैं.''

आचरण सही पाए जाने पर बहाली की जाएगी- डीईओ

डीईओ से जब सवाल किया गया कि व्हाट्सअप स्टेटस को देखकर सिविल सेवक के आचरण का उल्लंघन कैसे माना जाए? इस पर उन्होंने कहा, ''ऐसा होता है और पहले भी इस तरह की कार्रवाई की गई है. अगर आचरण विपरीत नहीं पाया जाएगा तो उनकी बहाली की जाएगी. पहले किताबें चरणबद्ध तरीके से आई थी, उस दौरान कुछ कमी दिखी थी लेकिन बाद में शासन की ओर से उसकी पूर्ति कर दी गई.