Bhupesh Baghel Joined Silent Satyagraha: गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद आज (12 जुलाई) को देशभर में कांग्रेस राहुल गांधी के समर्थन में जुट रहे है. इसकी एक तस्वीर छत्तीसगढ़ की राजधानी से भी देखने को मिल रही है. रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव समेत बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने मौन व्रत रखा है. सभी नेता काला मास्क लगाकर मौन सत्याग्रह कर रहे है. लेकिन इसपर बीजेपी ने सवाल खड़ा कर सियासत तेज कर दी है.


राहुल गांधी के समर्थन में रायपुर में कांग्रेसियों का मौन व्रत
दरअसल बुधवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रायपुर में महात्मा गांधी के प्रतिमा के पास कांग्रेसी मौन सत्याग्रह में बैठे है. इसके अलावा देश भक्ति गाना चल रहा है.कांग्रेस राहुल गांधी के समर्थन में उनकी शक्ति बढ़ाने की कोशिश कर रही है. सुबह से कांग्रेस के ब्लॉक स्तर से प्रदेश स्तर के कार्यकर्ता गांधी मैदान पहुंच रहे है. मुख्यमंत्री के साथ पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा भी काला मास्क लगाकर संकेतात्मक धरने पर बैठे है.

कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के इस मौन व्रत पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी ने कांग्रेस मौन व्रत को पिछड़ा वर्ग विरोधी बताया है. तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने बीजेपी पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगा रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट का फैसला निराशाजनक जरूर है, मगर अप्रत्याशित नहीं है. कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी. राहुल गांधी सत्य की राह के निडर यात्री हैं और वो भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे. इस तरह के पर्दाफाश से मोदी सरकार बौखलाई रहती है. मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह हो रहा है.कांग्रेस पार्टी को विश्वास है कि अंत में न्यायपालिका सत्य का ही साथ देगी. अहंकारी सत्ता को अंत में एक कड़ा जवाब मिलेगा.

 



बीजेपी ने कहा कांग्रेस ओबीसी विरोधी पार्टी
कांग्रेस के मौन सत्याग्रह को बीजेपी पिछड़ा वर्ग विरोधी बता रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने मीडिया से कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे है. भूपेश बघेल और कांग्रेस.पिछड़े वर्ग को गाली देने वाले न्यायालय से सजा पाने वाले व्यक्ति के समर्थन में मौन सत्याग्रह देश के संविधान और न्यायपालिका की धज्जियां उड़ाने जैसा है. आज अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहती तो वह राहुल गांधी की चाटुकारिता के लिए शायद आपातकाल लगाने से भी नहीं चूकती जैसा कि इंदिरा गांधी के लिए लगाया गया था. कांग्रेस देश के संविधान और न्यायपालिका में विश्वास नही रखती वह केवल एक परिवार को ही सब कुछ मानती है देश की जनता भी इनकी प्राथमिकता में नहीं है.

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