Tribal reservation: छत्तीसगढ़ में आरक्षण (Reservation) का मुद्दा लगातार जोर पकड़ता जा रहा है. 32 में से 12% आरक्षण कम करने के विरोध में आदिवासी समाज (Tribal Society) सड़कों पर उतर आया है. आरक्षण को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने आज छत्तीसगढ़ में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन के चलते आदिवासी समाज के लोगों ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कई जिलों में सड़क मार्ग पर चक्का जाम कर दिया. वहीं बालोद (Balod) में रेल की पटरियों पर बैठकर प्रदर्शन किया.
32% आरक्षण दिए जाने की कर रहे हैं आदिवासी मांगछत्तीसगढ़ में मंगलवार को प्रदेश के सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने आरक्षण घटाए जाने के विरोध में प्रदेश के कई जिलों में धरना प्रदर्शन करते हुए शहर के मुख्य चौराहों पर चक्का जाम कर दिया. आदिवासी समाज के लोगों ने रायपुर कवर्धा, बालोद, दुर्ग भिलाई, बस्तर सहित कई जिलों में आरक्षण के विरोध में धरना प्रदर्शन किया. आदिवासियों की मांग है कि उनको 32% आरक्षण दिया जाए.
रेल की पटरी पर बैठकर किया प्रदर्शनछत्तीसगढ़ के बालोद में आदिवासी समाज के लोगों ने दल्ली राजहरा- राजनांदगांव मुख्य मार्ग के मानपुर चौक पर चक्का जाम कर दिया. इसके बाद समाज के लोगों ने दुर्ग-दल्ली राजहरा रेल मार्ग की पटरियों पर भी जाकर बैठ गए और वहां अपने समाज का झंडा लेकर प्रदर्शन करने लगे. हालांकि पुलिस प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए उन्हें पटरी से हटाया. गनीमत रही कि पटरी पर धरना प्रदर्शन करने के दौरान कोई ट्रेन वहां से नहीं गुजरी.
आरक्षण के मुद्दे पर 1-2 दिसंबर विधानसभा का विशेष सत्र
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आरक्षण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं आरक्षण मामले को लेकर राज्य सरकार ने 1 और 2 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है जिसमें आरक्षण को लेकर चर्चा होगी. हो सकता है कि सत्र में विधेयक लाकर आरक्षण को बढ़ाने की कोशिश की जाए. सीएम बघेल ने वैसे भी आरक्षण बढ़ाने के संकेत दे दिए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सरकार आदिवासियों के 32% आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, समाज के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.
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