Chhattisgarh New Excise Policy News: शराब प्रेमियों को जल्द ही अच्छी खबर मिल सकती है. उन्हें आने वाले दिनों में दुकानों में मनपसंद ब्रांड की शराब व मनचाही ब्रांड की बीयर मिलेगी. उनकी मांग पर ब्रांडेड व महंगी शराब भी मिलेगी. नए वित्तीय वर्ष में शराब व्यापारियों का एकाधिकार समाप्त हो सकता है. वहीं बॉटलिंग प्लांट की अनुमति मिलने से कारोबारियों में स्पर्धा भी बढ़ेगी, जिससे शासन को मिलने वाली राजस्व में वृद्धि हो सकती है.



प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने आबकारी विभाग को अपने पास रखा है. जिससे आबकारी नीति में कड़े और सख्त बदलाव के अनुमान लगाए जा रहे हैं. इसकी शुरुआत 24 जनवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बनाई गई नई आबकारी नीति से हो चुकी है. जिससे बीते पांच साल से चली आ रही व्यवस्था टूट सकती है. बताया जा रहा है कि आबकारी नीति में एफएल 10 लाइसेंस की व्यवस्था को यथावत रखने का निर्णय लिया गया है.  जिसके तहत शराब डीलर किसी भी निर्माता कंपनी से शराब खरीदकर सरकार को बेच सकता है. निर्माता कंपनियों से खरीदी व सप्लाई के झमेले से मार्केटिंग कंपनी के अफसर दूर रहेंगे.

लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा
नई आबकारी नीति में शराब प्रेमियों की मांग पर कोई भी ब्रांड की शराब की बिक्री को बंद कर मनपसंद शराब देने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा प्रदेश में बॉटलिंग प्लांट को अनुमति देने की तैयारी की जा रही है. जिससे राज्य में लंबे समय से चल रहा सिंडीकेट टूटेगा और बाहर के व्यापारी को समान अवसर मिल सकेगा. इसके चलते व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा. हालांकि, इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है.

शराब के दाम में नहीं होगी बढ़ोत्तरी
बताया जा रहा है कि नई आबकारी नीति में शराब की कीमत नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. छत्तीसगढ़ में पहले से ही अन्य राज्यों की अपेक्षा शराब की कीमत अधिक है. खासकर देशी शराब की कीमत हर साल बढ़ाई जाती है, लेकिन बॉटलिंग प्लांट व स्प्रिट की सप्लाई से दाम पर असर नहीं पड़ेगा. दीगर प्रांत से अवैध शराब की सप्लाई नहीं होगी. प्रदेश में ही टेलीग्राम लगेगा और ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम से शराब की सप्लाई होगी.

मिलावटी शराब की शिकायत में आएगी कमी
नई आबकारी नीति के लागू होने से मिलावटी शराब की शिकायत में भी कमी आ सकती है. दरअसल वर्तमान में विभिन्न ब्रांड के शराब बाजार से गायब हैं. दुकानों में नए नए ब्रांड के शराब की बिक्री की जाती है. जिसके स्वाद से शराब प्रेमी अनभिज्ञ होते हैं. कई बार उन्हें शराब में मिलावट की भनक तक नहीं लगती. यदि जानकारी हो भी जाए तो अलग अलग तर्क देकर शांत करा दिया जाता है. अब कर्मचारी ऐसा नहीं कर सकेंगे.

तस्करी पर लगेगा अंकुश
आबकारी विभाग द्वारा संचालित दुकान में शराब के कई ऐसे ब्रांड है, जो उपलब्ध ही नहीं है. कई ब्रांड तो चलन से ही बाहर हो चुका है. जिसके चलते शराब प्रेमी दीगर प्रांत से शराब की खरीदी करते हैं. शराब प्रेमियों को उनकी पसंदीदा ब्रांड उपलब्ध कराने तस्कर भी सक्रिय रहते है, जो एमपी, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों से शराब की खेप लेकर आते हैं, अब जब शराब प्रेमियों को उनके मन पसंद ब्रांड की शराब मिलेगी, तो तस्करी पर भी अंकुश लगना तय है.