Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में मछली पालन के लिए जीरो इंट्रेस्ट में मिलेगा लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ?
रवि मिरी, रायपुर | 19 Apr 2022 03:21 PM (IST)
Raipur: छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जहां राज्य समुद्री सीमा नहीं बनाती है. इस लिए छत्तीसगढ़ एक लैंडलॉक राज्य है. लेकिन इसके बावजूद राज्य में बड़ी मात्रा में मछली उत्पादन किया जाता है.
(मछली उत्पादन)
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जहां राज्य समुद्री सीमा नहीं बनाती है. इस लिए छत्तीसगढ़ एक लैंडलॉक राज्य है. लेकिन इसके बावजूद राज्य में बड़ी मात्रा में मछली उत्पादन किया जाता है. मछली उत्पादन और मत्स्य बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश में 6वें स्थान पर है. छत्तीसगढ़ की मछली पड़ोसी राज्यों में भी सप्लाई की जाती है. मछली पालन के व्यवसाय से राज्य के लाखों परिवारों का जीवन चल रहा है. मछली पालन को खेती का दर्जाआज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आखिर मछली पालन के व्यवसाय में किसान इतनी रुचि क्यों दिख रहे हैं. दरअसल, इसके पीछे का कारण यह है कि मछुआरों को अब किसानों के समान ही बिना ब्याज से लोन दिया जा रहा है. इसके अलावा नई नई तकनीकों से मत्स्य पालन करने वाले मछुआरों 40 फीसदी तक सब्सिडी भी दी जा रही है. इसके अलावा मछली पालन को भी राज्य सरकार ने खेती का दर्जा दिया है.
जीरो इंटरेस्ट पर मिलेगा मछली पालन के लिए लोनछत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन के लिए पहले मछुआरों को एक प्रतिशत ब्याज दर से एक लाख रुपए और 3 प्रतिशत ब्याज पर 3 लाख रुपए लोन मिलता था. लेकिन राज्य सरकार ने मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिया है तब से अब लोग मत्स्य पालन के लिए सहकारी समितियों से शून्य प्रतिशत ब्याज में आसानी से लोन ले सकते है. धान के किसानों के तरह मछुआरों के लिए भी क्रेडिट कार्ड बनाया जाएगा. तालाब निर्माण के लिए लाखो रुपए का अनुदान सहायताछत्तीसगढ़ लैंडलॉक प्रदेश होने के चलते राज्य में मत्स्य पालन स्वयं की भूमि में तालाब का निर्माण करवा रहे है. पिछले ढाई साल में लगभग एक हजार नए तालाबों का मछली पालन के लिए निर्माण कराया गया है. सरकार इसलिए सामान्य वर्ग के मछली पालकों 4 लाख 40 हजार रुपए और अनुसूचित जाति, जनजाति इसके साथ महिला हितग्राहियों को 6 लाख 69 हजार रुपए का अनुदान सहायता करती है.
इन तकनीकों से मिलेगा ज्यादा उत्पादनराज्य में मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए केज कल्चर और बायोफ्लॉक तकनीक की ओर तेजी से बढ़ रहा है. राज्य में अब तक 2 हजार 386 केज बनाए जा चुके हैं. इसके अलावा कोरबा जिले के हसदेव बांगो जलाशय में एक हजार केज की स्थापना की जा रही है. वहीं खुद की जमीन पर बायोफ्लॉक तकनीक से भी मछुआरे मछली पालन कर सकते है. इसको बढ़ावा देने के लिए मत्स्य किसानों को 7 लाख 50 हजार रुपए की इकाई ने 40 प्रतिशत की अनुदान सहायता दे रही है. इन राज्यों में होती है मछली बीज की सप्लाईछत्तीसगढ़ मत्स्य पालन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मछली बीज की सप्लाई देश के 5 राज्यों में की जाती है. इसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश उड़ीसा और बिहार शामिल है. मत्स्य पालन विभाग का कहना है कि राज्य में हर साल साढ़े 5 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जाता है. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मछुआरों को किसानों के समान ही बिना ब्याज के लोन दिया जा रहा है. इसके साथ ही मछुआरों को जलकर और विद्युत शुल्क में भी छूट दिया गया है.