Morbi Bridge Collapse: बीते रविवार को गुजरात के मोरबी में झूले वाला पुल टूटने से 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इससे अब देशभर में बने झूला पुलों की मजबूती पर सवाल उठने लगे हैं. गुजरात का यह हादसा उन राज्यों के लिए सबक है जहां इस तरह के पुल हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बना लक्ष्मण झूला कितना मजबूत है, abp न्यूज़ ने इसकी ग्राउंड पर जाकर पड़ताल की.
एतिहासिक मंदिर के कारण लगती पर्यटकों की भीड़
दरअसल रायपुर की खारुन नदी पर लक्ष्मण झूला बनाया गया है. ये झूला रायपुर और दुर्ग जिले को जोड़ता है. खारुन नदी के तट को महादेव घाट कहा जाता है. यहां पर हटकेश्वर महादेव का मंदिर है. इस ऐतिहासिक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इसके अलावा खारुन नदी पर वोटिंग की सुविधा भी है. इसके अलावा दोनों जिलों को जोड़ने वाला राज्य का पहले सस्पेंशन ब्रिज होने के नाते पर्यटक इस पुल को दूर-दूर से देखने आते हैं. यह पुल रोजाना दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक खुलता है. वहीं जब मेला लगता है तो यहां लाखों की भीड़ उमड़ती है और उस वक्त रोजाना यहां 700 से 800 पर्यटक आते हैं.
130 मीटर लंबा है लक्षण झूलाइस ब्रिज का निर्माण 2017 में हुआ था और 2019 के मई महीने में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया. खारुन नदी पर बने लक्षण झूले की कुल लंबाई 130 मीटर है. इसमें से 110 मीटर ही लक्षण झूले का हिस्सा है. वहीं इस ब्रिज की चौड़ाई 3.25 मीटर है. ब्रिज को जल संसाधन विभाग के द्वारा बनवाया गया है. इस ब्रिज की मजबूती और सुरक्षा को लेकर एबीपी न्यूज ने जलसंसाधन विभाग के एसपीओ एस.पी. मिश्रा से बातचीत की.
गुजरात के ब्रिज से 6 गुना ज्यादा मजबूत है ब्रिज
उन्होंने कहा कि ब्रिज निर्माण के समय एक हजार लोगों के लिए टेस्ट किया गया था. रेत की बोरियों को रखकर ये टेस्ट पूरा किया गया था. इस ब्रिज पर लोग खड़े नहीं रहते है लगातार मूवमेंट में रहते हैं. इसलिए ये ब्रिज असुरक्षित नहीं है. कभी-कभी महादेव घाट में मेले के समय लाखों की भीड़ लगती है. वहीं मिश्रा ने बताया कि यहां ब्रिज पर घूमने के लिए पर्यटकों से पैसे नहीं लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि इसे राज्य सरकार ने बनाया है इसलिए पैसा लिया जाता है.
भीड़ कंट्रोल करने के लिए लगाया गया है बैरिकेड
पर्यटक बोले गुजरात के हादसे के बाद अब लगता है डर
यह भी पढ़ें: