छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सड़कों में लगातार मवेशियों की मौत और बढ़ रहे हादसों को लेकर संज्ञान लिया है. इस मामले में चल रही सुनवाई में उच्च न्यायालय ने सख्ती से संबंधित विभागों को निर्देश भी दिए हैं. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की युगलपीठ में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सख्ती से इस मामले में कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं. दामखेड़ा में नेशनल हाइवे ओर गोवंश की मौत का मामला भी उठा वहीं बिलासपुर के दामाखेड़ा के पास हुए हादसे में 9 गायों को मौत का मामला भी प्रकाश में लाया गया. तभी 14 जुलाई 2025 की रात बारीडीह गांव के पास सड़क पर मवेशियों का एक झुंड को रात लगभग 1 बजे एक अज्ञात वाहन ने तेजी और लापरवाही से चलाये जाने के कारण 14 से 17 गायों की मौत की घटना में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के मामले सहित अन्य घटनाओं के मामले में आदेश के अनुपालन के बारे में पूछा.
जिसपर महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने 4 गौ मालिकों पर एफआईआर किए जाने की जानकारी दी, वहीं अन्य मवेशियों के मालिकों की जानकारी नहीं मिल पाने की स्थिति से अवगत कराया. राज्य सरकार की तरफ जिला स्तर पर 40 लाख स्वीकृत कर शेड बनाए जाने और 9 नई जगह चिन्हांकित किए जाने की जानकारी दी. हाइवे पर बैठे गोवंश के गले में बांधी जा रही रेडियम पट्टी इस मामले में हाईवे पर मवेशियों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव और एनएचएआई को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने हाईवे पर मवेशियों की मौजूदगी और हादसों को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि काऊ कैचर केवल दिखावे के लिए खड़े हैं और उन पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने बताया कि पुलिस ने मवेशियों के गले में रेडियम पट्टी लगाने का अभियान शुरू किया है.
इसमें कोर्ट ने कलेक्टर, निगम आयुक्त और पेंड्रीडीह पंचायत को निर्देश दिए हैं. एनएचएआई ने बांस बैरियर व शेड निर्माण के लिए राशि दी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई और मुख्य सचिव व एनएच प्रोजेक्ट डायरेक्टर को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी.