Elephants Terror in Mainpat: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां के मैनपाट इलाके में आए दिन हाथी ग्रामीणों का मकान तोड़कर तहस नहस कर रहे हैं. यही नहीं वन विभाग भी इन हाथियों से ग्रामीणों की संपत्तियों को बचाने में नाकाम साबित हो रहा है. जानकारी के मुताबिक पिछले सात महीने से मैनपाट वनक्षेत्र में में हाथियों का दल घूम रहा है. दिन में 10 से ज्यादा हाथियों का यह समूह सरहदी जिले रायगढ़ के कापू रेंज में चला जाता है और शाम हबोते ही सरगुजा के मैनपाट इलाके में आ जाता है.

मैनपाट इलाके में इस झुंड ने कई घरों को तहस नहस कर दिया है. मैनपाट के तराई इलाकों में बसी बस्तियों को इन हाथियों ने काफी नुकसान पहुंचाया है और यह सिलसिला लंबे वक्त से चल रहा है. वन विभाग ने इन हाथियों को रोकने के लिए तमाम तरह के इंतजाम किए लेकिन सभी इंतजाम धरे के धरे रह गए.

आंगनबाड़ी केंद्रों में शरण लेने को मजबूर ग्रामीण

हाथियों का खौफ इलाके के लोगों में इस कदर फैल गया है कि वे आंगनबाड़ी केंद्रों में राज गुजारने को मजबूर हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ का मैनपाटा इलाका अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, लेकिन हाथियों ने यहां के लोगों की जिंदगी बदसूरत कर दी है. मैनपाट वन परिक्षेत्र के ग्राम बरडांड, चोरकीपानी, बरवाली, पतरापारा सहित आधा दर्जन गांव के ग्रामीण पिछले सात महीने से जंगली हाथियों के उत्पात का सामना कर रहे हैं.  हाथियों के डर से ग्रामीणों ने अपनी दिनचर्या तक बदल ली है.

समाधान के नाम पर प्रशासन से मिले केवल वादे

ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के कहर को रोकने के लिए  प्रशासन ने कई घोषणाएं और वादे किए हैं, लेकिन अभी तक किसी भी वादे को पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि बीते सात महीनों में हाथियों ने न सिर्फ 40 से अधिक खप्पर वाले मकान, झोपड़ियों को तहस नहस किया, बल्कि बड़े पैमाने पर साग-सब्जी की फसल सहित अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है.

शाम होते ही हाथी करते हैं मैनपाट का रुख

बता दें कि मैनपाट वनपरिक्षेत्र सैकड़ों एकड़ में फैला हुआ है. रायगढ़ जिले का धरमजयगढ़ वनमंडल का कापू रेंज इस क्षेत्र से लगा हुआ है. शाम होते ही हाथी कापू रेंज से मैनपाट में लौट आते हैं और यहां की संपत्तियों को भारी नुकसान  पहुंचाते हैं. वहीं इलाके के ग्रामीण दिन में  क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत करने का प्रयास करते हैं और शाम होते ही  घर का ताला लगाकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाते हैं.

आंगनबाड़ी केंद्रों पर नहीं मिल रहीं सुविधाएंग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि गांव के जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी उनकी सुधि नहीं ले रहे हैं. इस पूरे मुद्दे पर एबीपी न्यूज से बातचीत में मैनपाट वन परिक्षेत्र के रेंजर फेंकू प्रसाद चौबे ने बताया कि ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर उन्होंने कहा कि जितना काम हमारा है हम कर रहे हैं.

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