Raipur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पीएससी रिजल्ट (CG PSC Result) पर बीजेपी (BJP) लगातार सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी ने पीएससी की सीट पर बोली लगाने का आरोप लगाया है. इस मामले में अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) का बड़ा बयान सामने आया है. सीएम ने कहा है कि चयनित बच्चे राजनीतिक परिवार और ब्यूरोक्रेट्स के परिवार के है तो कोई अपराध नहीं है. बीजेपी के सबूत है तो दें हम जांच कराएंगे. 


राजनीतिक और ब्यूरोक्रेट्स के परिवार का होना अपराध नहीं- सीएम बघेल


दरअसल बुधवार को रायपुर हेलीपेड में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान जब सीएम भूपेश बघेल से पीएससी के चयनित छात्रों पर उठाए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि सोशल मीडिया में जो बातें कही जा रही है, बेहद दुर्भाग्यजनक है. चयनित बच्चे राजनीतिक परिवार के हैं या ब्यूरोक्रेट के हैं ये तो कोई अपराध नहीं है. परिवार से संबंधित होना क्या अयोग्यता का परिचायक है. यादि बीजेपी के पास कोई तथ्य है तो सामने लाए. जांच कराए जाएंगे. चयन में कोई गड़बड़ी है जरूर उसकी जांच कराएंगे. लेकिन एसा करके प्रदेश का माहौल खराब नहीं करना चाहिए.


बीजेपी के सवाल पर सीए बघेल ने दिया ये जवाब


इसके आगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बीजेपी के शासन में देश में हो चाहे राज्य में बहुत सारे छात्रों का चयन राजनीति परिवारों से ब्यूरोक्रेट से हुए हैं. मेरे पास बीजेपी शासन काल के केंद्र और राज्य दोनों में चयन हुए बच्चों के नाम हैं. मैं उजागर करूंगा तो उनका मन खराब होगा. दूसरी बात बीजेपी उसके नेताओं के बच्चों को विधानसभा और लोकसभा में टिकट दिया जाता है. तब बोलते हैं योग्यता के आधार पर दिया गया है. अब किसी अधिकारी, नेता के परिवार से चयन हो रहा है तो उसपर उंगली उठाई जा रही है. बीजेपी का ये दोहरा चरित्र है. इसे मैं उचित नहीं मानता.


बीजेपी ने की पीएससी के अधिकारियों के नार्को टेस्ट की मांग 


आपको बता दें कि बीजेपी पीएससी के रिजल्ट में गड़बड़ी के नाम पर कांग्रेस की सरकार को जमकर घेर रही है. बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता ने कहा कि पीएससी के अध्यक्ष के अपने बेटे, भतीजे और भांजी के सरनेम को छुपाकर सिलेक्ट किया है. इसलिए हम लोगों ने राजभवन में शिकायत की है और रिजल्ट को रद्द करने की मांग की गई है. जांच के लिए उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक करने की मांग के साथ पीएससी के अधिकारियों के नार्को टेस्ट की भी मांग की गई है.


11 मई को जारी हुआ है पीएससी का रिजल्ट


गौरतलब है कि 11 मई को पीएससी ने रिजल्ट जारी किया है. इसमें रायपुर की प्रज्ञा नायक ने पूरे प्रदेश में टॉप किया है. लेकिन पीएससी के रिजल्ट पर बीजेपी ने कांग्रेस के नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों के रिश्तेदारों को चयन करने का आरोप लगाया गया है. बीजेपी के नेता गौरी शंकर श्रीवास ने दावा करते हुए कुछ लोगों के नाम भी जारी किया है. उन्होंने सीजी पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पर सिंडिकेट बनाकर घोटाला करने का आरोप लगाया है.


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