Bijapur News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी काफी घातक साबित हो रहे हैं. बीते 17 नवंबर को ही आईईडी की चपेट में आकर गरियाबंद में चुनाव की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ के जवान की शहादत हो गई थी. वहीं, मंगलवार को भी छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के बॉर्डर पर स्थित बीजापुर जिले के धर्माराम गांव में मछली पकड़ने गए एक ग्रामीण का पैर नक्सलियों के द्वारा प्लांट आईईडी की चपेट में आने से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. हालांकि इसकी सूचना सीआरपीएफ कैंप के जवानों को मिली जिसके बाद बुरी तरह से घायल ग्रामीण को इलाज के लिए तेलंगाना के भद्राचलम अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां उसका इलाज जारी है. 


बताया जा रहा है कि मंगलवार की शाम ग्रामीण चन्द्रया सपका मछली पकड़ने तालाब के पास गया हुआ था और वापसी के दौरान पहले से ही नक्सलियों के प्लांट किए गए एक आईईडी की चपेट में आ गया. इधर नक्सल प्रभावित इलाकों में आईईडी जवानों और ग्रामीणों के साथ-साथ मवेशियों के लिए भी काफी घातक साबित हो रहा है. जवानों के द्वारा कोशिश रहती है कि कैसे भी इन आईईडी को डिटेक्ट किया जा सके, लेकिन कई जगहों पर डिटेक्ट न हो पाने की वजह से लोगों की जान को खतरा बना रहता है. 


आईईडी की चपेट में आने से कई जवानों-ग्रामीणों ने गंवाई जान
बीजापुर के एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने जानकारी दी है कि घटना मंगलवार दोपहर की है. तेलंगाना और बीजापुर जिले के बॉर्डर पर स्थित धर्माराम गांव में चंद्रया सपका नाम का ग्रामीण तालाब में मछली पकड़ने गया हुआ था और वापसी के दौरान वह जंगल के रास्ते अपने घर जा रहा था. इसी दौरान उसका पैर नक्सलियों द्वारा पहले से ही प्लांट आईईडी की चपेट में आ गया. आईईडी ब्लास्ट होने से ग्रामीण का दाहिना पैर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और पैर के पूरी तरह से चिथड़े उड़ गए. ग्रामीण के घायल होने की सूचना सीआरपीएफ 151 बटालियन के कैंप में मिली. इसके बाद तुरंत जवानों ने घायल ग्रामीण का प्राथमिक उपचार किया और फिर बेहतर इलाज के लिए उसे तेलंगाना के भद्राचलम अस्पताल ले जाया गया. ग्रामीण का इलाज जारी है. 


बीजापुर एसपी ने बताया कि नक्सलियों द्वारा प्लांट आईईडी कई बार जवानों के साथ-साथ ग्रामीणों के लिए भी घातक साबित होते हैं. नक्सली हमेशा से ही इस आईईडी के जरिए जवानों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं. हालांकि, बीजापुर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान पिछले साल भर में नक्सलियों द्वारा प्लांट कई आईईडी को जब्त कर चुके हैं लेकिन कई बार आईईडी डिटेक्ट हो पाने की वजह से ग्रामीण और जवान घायल हो रहे हैं और कुछ जवानों की जान भी चल गई है.


आईईडी की चपेट में आकर सीआरपीएफ का जवान हुआ था शहीद
इधर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 17 नवंबर को भी गरियाबंदी इलाके में नक्सलियों द्वारा प्लांट आईईडी की चपेट में आने से सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था. बीते शनिवार को जवान के गृहग्राम में श्रद्धांजलि दी गई. दरअसल छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में आईईडी, प्रेशर बम नक्सलियों का घातक हथियार है, इसलिए नक्सली ऐसी जगह पर पहले से ही अलग-अलग तरह के आईईडी प्लांट कर रखते हैं. बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात अधिकांश जवानों की शहादत प्रेशर बम की चपेट में आने से हुई है.


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