Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक बार फिर से धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है, दरअसल जिले के कोड़ेनार थाना क्षेत्र के छिंदबहार गांव में रहने वाले ईश्वर नाम के युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.



मौत के बाद परिजन युवक के शव को लेकर अस्पताल से अपने गांव के लिए निकले थे, लेकिन गांव से कुछ ही दूरी पर उन्हें पुलिस की ओर से सूचना मिली कि शव को वापस अस्पताल लाना होगा, क्योंकि गांव में मृतक के द्वारा अपनाए विशेष धर्म के आधार पर उसके शव के दफन को लेकर विरोध शुरू हो गया है.

शव पिछले 24 घंटे से पड़ा हुआ है मर्चुरी में
दरअसल मृतक ईश्वर के परिवार वालों ने कुछ साल पहले विशेष धर्म को अपनाया था, जिसके बाद इसको लेकर ग्रामीणों ने विरोध शुरू किया और अब युवक ईश्वर की मौत के बाद  उसके शव को गांव के कब्रिस्तान में दफन करने से साफ मना कर दिया है, इधर डरे सहमे परिजन युवक के शव को दोबारा अस्पताल ले आए है और यहां मर्चुरी में शव को रख दिया गया है, इसके बाद से शव पिछले 24 घंटे से मर्चुरी में ही पड़ा हुआ है.

गांव में उत्पन्न हो गई है तनाव की स्थिति
इधर गांव के कुछ लोगों का कहना है कि जब तक ईश्वर के परिवार के लोग घर वापसी यानी वापस अपने मूल धर्म को नहीं अपना लेते तब तक ईश्वर के शव को गांव के कब्रिस्तान में दफन करने नहीं दिया जाएगा. ईश्वर की मौत के बाद से गांव में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, वहीं शुक्रवार के दिनभर गांव में तनाव की स्थिति बनी रही, वहीं गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है, और पुलिस दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करते हुए समझौता करवाने में लगी है. शनिवार को भी युवक का शव अस्पताल के  मर्चुरी में ही रखा गया है.

मूल धर्म मे वापस लौटने की ग्रामीण कर रहे मांग
युवक की मौत हुए 24 घंटे से ऊपर बीत गए हैं ,लेकिन अब तक परिजनों को युवक के शव के साथ अपने गांव में शव दफन की इजाजत ग्रामीणों ने नहीं दी है ,छिंद बिहार गांव के ग्रामीणों का कहना है कि अगर ईश्वर के परिजन वापस अपने धर्म को अपना लेते हैं तो जरूर  ईश्वर के शव को गांव के कब्रिस्तान में दफनाने दिया जाएगा ,खास बात यह है कि गांव में चल रहे विवाद के संबंध में पुलिस विभाग के आला अधिकारियों  ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है, कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.

अधिकारियों का कहना था कि वह इस मामले में कोई बयान या जानकारी नहीं दे सकते, इधर जब गांव में तनाव और लॉ एंड आर्डर का हवाला दिया गया तब भी पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, इधर दो पक्षों के विवाद में ईश्वर का शव डिमरापाल अस्पताल के मर्चुरी में रखा हुआ है.

2 दिन पहले हुई थी ईश्वर की मौत
इधर ईश्वर के परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक दो दिन पहले ईश्वर को चक्कर आने पर उसे डिमरापाल जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था, डॉक्टर के अनुसार जब ईश्वर को अस्पताल लाया गया था तब उसका बीपी हाई था, इसके बाद आईसीयू में रखकर उसका इलाज किया जा रहा था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, मौत के बाद ईश्वर का शव मर्चुरी में ही रखा गया है, हालांकि अब तक ईश्वर के परिजनों की ओर से अपने मूल धर्म मे वापस लौटने को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है.


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