छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में आरटीओ विभाग की उड़नदस्ता टीम पर गंभीर आरोप लगे हैं. ट्रक ड्राइवरों और मालिकों का कहना है कि हाईवे पर रोजाना उनसे अवैध वसूली की जा रही है. एबीपी लाइव की ग्राउंड रिपोर्टिंग में भी ये सच सामने आया कि नेशनल हाईवे-30 पर ट्रकों को रोककर उनसे 300 से 400 रुपये तक की वसूली हो रही है.

हाईवे पर रोककर ली जा रही एंट्री फीस

एबीपी की टीम जब जगदलपुर-रायपुर नेशनल हाईवे-30 पर पहुंची तो वहां आरटीओ उड़नदस्ता टीम के सब इंस्पेक्टर मुकेश यादव और एस.के. दीवान ट्रकों को रोककर पैसे वसूलते नजर आए.

ड्राइवरों ने बताया कि एंट्री और मैकेनिकल जांच के नाम पर पैसे लिए जाते हैं. लेकिन कोई रसीद नहीं दी जाती. इसके बजाय ड्राइवरों की कॉपी पर फर्जी हस्ताक्षर कर रकम, गाड़ी का नंबर और तारीख लिख दी जाती है.

पैसे नहीं दिए तो ट्रक सीज करने की दी धमकी

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा से आने वाले ट्रक ड्राइवरों ने खुलासा किया कि बस्तर से रायपुर तक पूरे रास्ते इसी तरह की वसूली होती है. अगर कोई ड्राइवर पैसे देने से मना कर दे तो ट्रक को घंटों खड़ा कर दिया जाता है और सीज करने की धमकी दी जाती है. इससे उनका सामान देर से पहुंचता है और नुकसान का बोझ ट्रक मालिकों को उठाना पड़ता है.

कई बार की शिकायत, लेकिन कार्रवाई नहीं

ट्रक मालिकों और ड्राइवरों का कहना है कि वे कई बार आरटीओ विभाग के बड़े अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं. लेकिन अब तक किसी तरह की सख्त कार्रवाई नहीं हुई. नतीजा ये है कि अवैध वसूली का खेल धड़ल्ले से चल रहा है और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोग परेशान हैं.

उड़नदस्ता टीम के प्रभारी आबिद खान से जब इस मामले में सवाल किया गया तो उन्होंने बिना रसीद वसूली की बात को नकार दिया. लेकिन ठोस जवाब देने की बजाय गोलमोल बातें करते रहे.

परिवहन मंत्री ने दिए जांच के आदेश

मामला सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ के परिवहन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यह गंभीर मामला है. एबीपी द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. अगर अवैध वसूली सही पाई गई तो दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस धंधे पर रोक लगाई जाएगी.

भाजपा शासनकाल में बंद हुई थी वसूली

गौर करने वाली बात यह है कि 2017 में भाजपा शासनकाल में भी इसी तरह की अवैध वसूली का मामला सामने आया था. उस समय एबीपी न्यूज की लगातार रिपोर्टिंग के बाद चेक पोस्ट और हाईवे पर वसूली पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब एक बार फिर वही पुराना खेल शुरू हो गया है. ट्रकों से पैसे वसूले जा रहे हैं और यह कारोबार खुलेआम चल रहा है.

ट्रक ड्राइवर और मालिक परेशान

लगातार हो रही इस अवैध वसूली से ट्रक ड्राइवर और मालिक दोनों परेशान हैं. ड्राइवर कहते हैं कि उनके पास हर दिन नकद रकम तैयार रखनी पड़ती है ताकि रास्ते में दिक्कत न हो. वहीं, मालिकों को लगता है कि इस अतिरिक्त खर्च से उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.

नेशनल हाईवे पर चल रही इस वसूली से साफ है कि आरटीओ विभाग के अधिकारी और उड़नदस्ता टीम मनमानी कर रहे हैं. ड्राइवर मजबूरी में पैसे देने को तैयार हो जाते हैं क्योंकि अगर ट्रक खड़ा कर दिया गया तो उनका पूरा शेड्यूल बिगड़ जाता है.