Bastar Child Vaccination: देश में एक बार फिर कई हिस्सों में कोरोना की लहर ने दस्तक दी है. जिसे लेकर छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी से सतर्कता बरती जा रही है. इधर कोरोना का असर बच्चों और बुजुर्गों में अधिक देखा जा रहा है. कोरोना के प्रकोप को देखते हुए बुजुर्गों को बूस्टर डोज लगाई जा रही है. छत्तीसगढ़ के बस्तर में 12 से 14 साल तक के बच्चों को अब तक पहला और दूसरा डोज भी लगना शुरू नहीं हो सका है.

कुछ बच्चों के पालकों ने जागरूकता दिखाते हुए बच्चों को पहली डोज तो लगवा दी है लेकिन दूसरी डोज लगवाने के लिए केंद्रों में नहीं आ रहे हैं. आलम यह है कि बस्तर संभाग में 7 जिलों से अब तक केवल 4 जिलों में बच्चों को पहली और दूसरी डोज लगनी शुरू हुई है. बाकी के 3 जिलों में अब तक एक भी बच्चे को वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लग सकी है.

वैक्सीनेशन के आंकड़े

स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर संभाग के कांकेर, बस्तर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में अब तक केवल 322 बच्चों को ही वैक्सीन की दूसरी डोज लग पाई है. वहीं दूसरी ओर सुकमा, नारायणपुर और कोंडागांव जिले में अब तक 12 से 14 साल तक के  बच्चों को दूसरी डोज लगना शुरू भी नहीं हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि पालक अपने बच्चों को जिस दिन केंद्रों में वैक्सीन लगाने के लिए लेकर आना शुरू करेंगे उस दिन वैक्सीनेशन की संख्या में तो बढ़ोतरी होगी ही इसके साथ ही बच्चों को कोरोना से बचाने का एक सुरक्षा कवच भी मिल जाएगा.

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3 जिलो में बच्चो के वैक्सीनेशन का बुरा हाल

इधर बस्तर संभाग में 12 से 14 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत बीते 10 मार्च से ही हो गई थी, लेकिन अब तक 60 फीसदी बच्चों को वैक्सीन नहीं लग पाई है. जानकारी के मुताबिक 26 अप्रैल से सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद हो जाएगी. जिसके बाद टीकाकरण में और अधिक देरी होने की बात कही जा रही है. स्वास्थ विभाग के मुताबिक बस्तर संभाग में 12 से 14 साल तक के 1 लाख 53 हजार 43 बच्चों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है. जिसमें से अब तक 65 हजार 246 बच्चों को ही पहली डोज लगी है. इधर  अधिकारी महाअभियान और शिविर के जरिए लक्ष्य को पूरा करने की बात कह रहे हैं.

वैक्सीनेशन को लेकर बस्तर में अधिक लापरवाही

वैक्सीनेशन में सबसे अधिक लापरवाही बस्तर जिले में देखने को मिल रही है. इस जिले में 42 हजार 14 बच्चों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक विभाग ने मात्र 15 हजार को वैक्सीन की पहली डोज लगाई है. इधर बस्तर जिले के टीकाकरण अभियान को लेकर डॉ. सी.आर मैत्री ने कहा कि 12 से 14 साल तक के बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज समय पर लगे इसके लिए महाअभियान चलाया जाएगा. अभियान 28 अप्रैल तक चलेगा. इसमें काफी बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्कूल के प्रिंसिपल को स्कूलों में बच्चों को बुलाने के लिए भी कहा गया है.

वैक्सीन खराब होने का है डर 

टीकाकरण अधिकारी डॉ. सी.आर मैत्री के मुताबिक जिस वायल में कोरोना की कोब्रेवैक्स वैक्सीन भेजी जा रही है उसमें 20 बच्चों के लिए डोज होती है. जब तक एक साथ कम से कम 13 से 15 बच्चे इकट्ठे ना हो जाएं तब तक इस वायल को खोला नहीं जा सकता. वायल खोलने के 4 घंटे में सभी डोज लगना जरूरी है नहीं तो वह खराब हो जाती है. वर्तमान में केंद्रों में बच्चे काफी कम संख्या में आ रहे हैं. अब समस्या यह है  कि या तो जितनी संख्या में बच्चे वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं उन्हें वैक्सीन लगा दी जाए या फिर वायल की डोज़ खराब ना हो इसे देखते हुए एक साथ कम से कम 13 से 15 बच्चे होने तक इंतजार किया जाए.

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