Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में ऐसा नजारा सामने आया है, जिसे देखकर हर कोई भावुक हो गया. शनिवार को एक किशोर माल ढोने वाले रिक्शे में एक व्यक्ति को लिटाकर अस्पताल ले जा रहा था. इस समय का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसको लेकर कई तरह के सवाल उपज रहे हैं. ऐसी क्या वजह थी कि मासूम बालक को मरीज को रिक्शे ने लिटाकर अस्पताल ले जाना पड़ा.

रिक्शे में लेटा हुआ बीमार व्यक्ति, ठेला को खींचकर ले जा रहे बालक का मामा था. मामा का शरीर शॉल से ढका हुआ था और पैर रिक्शे के बाहर लटके हुए थे. इस वैज्ञानिक युग में रिक्शे पर मरीज को ले जाने की इस घटना से हर कोई हैरान है. यह मामला वाड्रफनगर ब्लॉक का है.

डॉक्टर्स ने बीमार को मृत घोषित किया

एक किशोर अपने बीमार मामा को गंभीर हालत में माल ढोने वाले रिक्शे पर लिटाकर अस्पताल ले जा रहा था. पुलिस चौकी वाड्रफनगर से गुजरते समय पुलिसकर्मियों की नजर पड़ी तो उन्होंने मासूम की मदद करते हुए उसे अस्पताल में भर्ती कराया. यहां जांच के बाद डॉक्टर्स ने बीमार को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर्स ने पीएम रिपोर्ट के बाद बताया कि शरीर में खून की कमी के अलावा अन्न का एक दाना भी पेट में नहीं था. वाड्रफनगर के वार्ड नंबर 2 निवासी अशोक पासवान (40 वर्ष) अविवाहित था. वह मजदूरी कर जीवन यापन कर रहा था. तीन चार दिनों से उसकी तबीयत खराब थी.

ऐसे में मां और बहन द्वारा उसका इलाज कराया जा रहा था. शनिवार की शाम उसका शरीर ठंडा पड़ने लगा. यह देख घरवाले घबरा गए और उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे. कोई साधन और वाहन नहीं मिलने पर उसका नाबालिग भांजा उसे माल ढोने वाले रिक्शे में लेकर निकला.

बीएमओ ने जांच की बात की

बलरामपुर बीएमओ शशांक गुप्ता ने बताया कि शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में खून की कमी और पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं मिलना बताया गया. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि यह भी पता किया जा रहा है कि आखिर किस कारण से मासूम भांजा अपने बीमार मामा को अस्पताल रिक्शे में ढोने के लिए विवश हुआ.

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