2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर के विवाद के बीच तेजस्वी यादव ने कहा है कि चुनाव के बॉयकॉट पर भी चर्चा हो सकती है. हमलोग देखेंगे कि जनता क्या चाहती है और लोगों की राय क्या है? वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू के अंदर से भी एसआईआर का विरोध शुरू हो गया है. जेडीयू विधायक संजीव सिंह और सांसद गिरिधारी यादव ने विरोध जताया है. इस बीच कांग्रेस नेता ने बड़ा दावा कर दिया है.

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गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि बहुत गंभीर परिस्थिति में तेजस्वी यह बात कर रहे हैं. यह चिंता का विषय है. वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान के नाम पर पिछड़ा, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक और दलितों का नाम मतदाता सूची से काटा जा रहा है. इस पर हम लोग आगे चलके मंथन करने वाले हैं कि क्या रणनीति अपनाई जाए? बातचीत होगी. 

कांग्रेस नेता ने कहा कि विधानसभा के मॉनसून सत्र में हर दिन मांग कर रहे हैं कि एसआईआर पर चर्चा हो लेकिन बिहार सरकार भाग रही है. जेडीयू विधायक-सांसद एसआईआर की सच्चाई जान चुके हैं, इसलिए विरोध कर रहे. वोट सबको लेना है.

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उधर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बिहार में जारी एसआईआर के मुद्दे पर कहा, "...हम यह लड़ाई जारी रखेंगे. जरूरत पड़ी तो बड़े से बड़ा निर्णय लेंगे और आने वाले समय में एक बड़ी लड़ाई की तैयारी है. हम अंतिम लिस्ट का इंतजार करेंगे और उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करेंगे. उसके बाद यदि वोटर के बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए हैं, तो उनके लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे..."

एसआईआर पर क्या बोली बीजेपी?

उधर एसआईआर पर जारी जंग के बीच बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने भी प्रतिक्रिया दी है. तेजस्वी एवं जेडीयू विधायक-सांसद के दिए गए बयान पर कहा कि तेजस्वी को हार का डर सता रहा है. जमीन से रिपोर्ट मिली है उससे वह घबराए हुए हैं इसलिए चुनाव का बहिष्कार करेंगे इस तरह की बात कर रहे हैं. घुसपैठियों का नाम मतदाता सूची से काटा जा रहा. जेडीयू के नेताओं ने विरोध किया है तो उनको संवैधानिक संस्था पर विश्वास नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.