बिहार में नई सरकार के गठन की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी किस नेता को सौंपी जाएगी. विधानसभा के पहले सत्र में बेहद अहम भूमिका निभाने वाले इस पद को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है.
जानकारी के लिए बता दें कि प्रोटेम स्पीकर को लेकर आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन तीन नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं.
प्रोटेम स्पीकर की रेस में कौन है दावेदार?
सूत्रों के अनुसार प्रेम कुमार, बिजेंद्र यादव और हरिनारायण सिंह प्रोटेम स्पीकर की दौड़ में सबसे आगे हैं. इनमें से किसी एक को यह अस्थायी, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है. प्रोटेम स्पीकर का चयन आमतौर पर वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर होता है, इसलिए इन तीनों नामों पर सबसे ज्यादा नजरें टिकी हैं.
प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी क्या होती है?
प्रोटेम स्पीकर को विधानसभा के प्रारंभिक सत्र की सबसे प्रमुख जिम्मेदारियां दी जाती हैं. वे नए चुने गए विधायकों को शपथ दिलाते हैं. विधानसभा की पहली बैठक में स्थायी स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया को संचालित करते हैं. यह पद स्थायी स्पीकर से अलग होता है, क्योंकि इसका कार्यकाल कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक ही रहता है. जब तक नया स्पीकर चुन नहीं लिया जाता है. इसलिए इस पद पर ऐसा नेता चुना जाता है जिस पर सभी दलों को भरोसा हो.
20 नवंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह
नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह (20 नवंबर) सुबह 11:30 बजे, पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लगभग 20 मंत्री शपथ ले सकते हैं. शपथ ग्रहण से पहले ही राजधानी पटना में राजनीतिक बैठकें और चर्चाएं तेज हो चुकी हैं.
जेडीयू कोटे से संभावित मंत्री
जेडीयू इस बार अपने कई पुराने और अनुभवी चेहरों को फिर से मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है. इनमें शामिल हैं-
- बिजेंद्र यादव
- विजय कुमार चौधरी
- जमा खान
- श्रवण कुमार
- लेसी सिंह
- रत्नेश सदा
- मदन सहनी
साथ ही नए नामों में उमेश कुशवाहा और कलाधर मंडल को मंत्री बनाया जा सकता है. यह दोनों संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं और पार्टी के भीतर संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
एनडीए सहयोगी दलों को भी मिल सकती है जगह
RLM से उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. हम पार्टी से राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है.
राजनीतिक सक्रियता चरम पर
शपथ ग्रहण से पहले पटना में राजनीतिक हलचल अपने चरम पर है. संभावित चेहरों और विभागों को लेकर चर्चाएं जारी हैं. जातीय संतुलन, अनुभव और राजनीतिक समीकरण इन सभी के आधार पर नीतीश कुमार की 'नई टीम' का गठन होगा.
20 नवंबर को यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार की नई सत्ता संरचना कैसी दिखेगी और विधानसभा के पहले चरण को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी किस प्रोटेम स्पीकर को मिलेगी.