आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार बिखराव की दहलीज पर है. तेज प्रताप यादव से लेकर रोहिणी आचार्य तक के जो सुर हैं उससे बहुत कुछ स्पष्ट है. विवाद का कारण आरजेडी के सांसद और तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव को माना जा रहा है. सवाल है कौन हैं संजय यादव जिनकी चर्चा लालू परिवार में टूट के लिए हो रही है?
एमएनसी में काम किया… फिर आरजेडी से जुड़े
संजय यादव मूल रूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म 24 फरवरी 1984 को हुआ. उन्होंने भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में मास्टर की डिग्री ली. शुरुआत में उन्होंने दिल्ली की मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया, लेकिन 2012 में उन्होंने आरजेडी से जुड़कर राजनीति में कदम रखा. 2024 में आरजेडी से राज्यसभा सांसद बने.
…और ऐसे हुई तेजस्वी यादव से संजय की दोस्ती
तेजस्वी यादव और संजय यादव की दोस्ती राजनीति से नहीं, बल्कि क्रिकेट के मैदान से शुरू हुई. तेजस्वी यादव दिल्ली डेयरडेविल्स टीम से जुड़े थे, तब उनकी मुलाकात संजय यादव से हुई थी. जब लालू यादव जेल गए और तेजस्वी को राजनीति में आना पड़ा तो संजय यादव दिल्ली से पटना आ गए. यहीं से संजय यादव ने तेजस्वी के सलाहकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया. वे पार्टी में तेजस्वी की "आंख और कान" बन गए.
2012 से आरजेडी में सक्रिय संजय यादव ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई. हालांकि संजय यादव विवादों से घिरे रहे हैं. 2021 में तेज प्रताप ने उन पर निशाना साधा था. उन पर जमीन घोटाले से जुड़े मामलों में सीबीआई पूछताछ कर चुकी है.
संपत्ति की बात करें तो राज्यसभा सांसद के लिए नामांकन में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, संजय यादव के पास लगभग दो करोड़ रुपये की संपत्ति है. इसमें कैश, बैंक डिपॉजिट, बीमा और निवेश शामिल हैं. संजय यादव का बढ़ता प्रभाव बिहार की राजनीति और लालू परिवार के लिए एक नया मोड़ ला सकता है.
आरजेडी ने साधी चुप्पी, बीजेपी ने किया हमला
तेज प्रताप के बाद रोहिणी आचार्य के बगावती सुर के बाद पार्टी के नेता शांत हैं. प्रवक्ता कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. इसे पारिवारिक बात बता रहे हैं. वहीं एनडीए को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि तेजस्वी यादव संजय यादव को अपना विशेष सलाहकार बनाए हुए हैं. संजय यादव पार्टी हो या परिवार के लोग, किसी को कुछ नहीं समझते हैं. सबसे बड़ी बात है तेजस्वी यादव भी उन्हीं के हिसाब से चलते हैं.
प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि संजय यादव के कारण ही तेज प्रताप यादव घर से बाहर हुए. संजय यादव को वह जयचंद कहते थे. अब रोहिणी आचार्य ने सवाल खड़ा किया है. यह साफ दिख रहा है कि संजय यादव लालू परिवार के घर में शकुनि का काम कर रहे हैं.
कैसे सुर्खियों में आ गए संजय यादव
बता दें कि अभी हाल ही में तेजस्वी यादव बिहार अधिकार यात्रा पर निकले थे. जिस रथ (बस) से तेजस्वी घूम रहे थे उस बस की फ्रंट सीट (जिस पर यात्रा के दौरान तेजस्वी बैठते थे) पर बैठे हुए उनकी तस्वीर सामने आई थी. इसके बाद से ही मामला गरम हो गया. इससे जुड़े एक सोशल मीडिया पोस्ट को रोहिणी ने शेयर किया था. इसके पहले तेज प्रताप भी संजय यादव का नाम लिए बिना जयचंद कह चुके हैं.
रोहिणी आचार्य के सपोर्ट में हैं तेज प्रताप यादव
रोहिणी आचार्य का परिवार से मोहभंग हो गया है इसका इशारा उन्होंने खुद ही कर दिया है. उन्होंने एक्स से परिवार के सदस्यों और पार्टी से जुड़े नेताओं को अनफॉलो कर दिया है. उधर तेज प्रताप यादव रोहिणी के सपोर्ट में हैं. तेज प्रताप का कहना है कि कुछ लोग तेजस्वी की कुर्सी को हथियाने में लगे हैं बाहरी लोग सत्ता हासिल करना चाहते हैं. उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि रोहिणी ने जो आवाज उठाई है वह आत्मसम्मान की लड़ाई है. हर किसी को समझना होगा.