बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामकृपाल यादव पहली बार दानापुर विधानसभा सीट से इस बार चुनाव में जीते हैं. गुरुवार (20 नवंबर, 2025) को पटना के गांधी मैदान में रामकृपाल यादव ने मंत्री पद की शपथ ली. बीजेपी ने उन पर भरोसा करते हुए दानापुर विधानसभा से टिकट दिया और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरजेडी के बाहुबली नेता रीत लाल यादव को 29,133 वोटों से हराया है. इब पार्टी ने उन्हें मंत्री पद से सम्मानित कर दिया है.
…और लालू का साथ छोड़ थाम लिया बीजेपी का दामन
रामकृपाल यादव के लिए यह पहला मौका है जब बिहार सरकार में वह मंत्री बने हैं. इससे पहले वह कभी भी ना तो विधायक बने थे और ना ही बिहार सरकार में मंत्री रहे थे. रामकृपाल यादव को 2014 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. इससे पहले वह 1990 से लालू प्रसाद यादव के साथ रहे थे. लालू प्रसाद यादव ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य और सांसद भी बनाया था. मौका देखकर रामकृपाल यादव 2014 में बीजेपी के साथ आ गए थे.
मोदी सरकार में मंत्री रहे रामकृपाल यादव
रामकृपाल यादव मोदी सरकार में 2014 से 2019 तक दो विभागों के मंत्री रह चुके हैं. सबसे पहले मोदी सरकार ने उन्हें केंद्र में 9 नवंबर 2014 को पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री बनाया गया था. 5 जुलाई 2016 को वे केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बने थे. मोदी सरकार में वह दो टर्म के लिए पाटलिपुत्र से लोकसभा सांसद रहे. 2024 में मीसा भारती ने उन्हें हरा दिया था.
बीजेपी से पहले वह लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी में थे. वह लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी हुआ करते थे. उनके साथ भी वह दो बार पुराने परिसीमन में पटना लोकसभा से सांसद रह चुके हैं. 1993 से 98 तक पहली बार सांसद बने तो दूसरी बार 2004 से 2009 तक सांसद रहे. इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे.
लालू प्रसाद यादव ने उन्हें राज्यसभा भी भेजा था. 8 जुलाई 2010 से 16 मई 2014 तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे थे. 2014 में लालू प्रसाद यादव ने अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र लोकसभा का टिकट दे दिया तो वह नाराज होकर बीजेपी में चले गए और 2014 में वह बीजेपी से सांसद बने थे. पहली बार 1992 में उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था जो 1993 तक रहे.
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