Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देश भर में बवाल मचा है. मुस्लिम संगठन और विपक्ष के नेता इसके खिलाफ हैं. इसकी कमियां बता रहे हैं. उनका कहना है कि यह असंवैधानिक है. आज (बुधवार) जब यह बिल लोकसभा में पेश हो रहा है तो विपक्ष के अलावा अन्य पार्टियां इसके पक्ष में बात कर रही हैं. केंद्रीय मंत्री और जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि हम लोग संसद में बताएंगे कि वक्फ पर जेडीयू का क्या स्टैंड है. जेडीयू और नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष की परिभाषा कांग्रेस से समझने की जरूरत नहीं है.
जेडीयू के राज्यसभा सांसद संजय झा ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कहा, "हमारी पार्टी के नेता नीतीश कुमार का 19 साल का ट्रैक रिकॉर्ड है बिहार में काम करने का... बिहार में सबसे बड़ा दंगा भागलपुर में हुआ. कांग्रेस की सरकार में हुआ. उसके बाद 15 साल सरकार रही आरजेडी और कांग्रेस की… उन्होंने उनको न्याय नहीं दिया. जब नीतीश कुमार सत्ता में आए तब पहली बार भागलपुर दंगे के पीड़ितों को न्याय मिला था. इस बिल के लिए गठित जेपीसी में हमारी पार्टी के सदस्य रहे. हमारे लोगों ने पटना में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और अपनी बातों को जेपीसी के सामने रखी है. मुझे लगता है कि बिल में जरूर हमारे सुझावों को समायोजित किया गया है."
गिरिराज सिंह ने क्या कहा?
उधर केंद्रीय मंत्री और सांसद गिरिराज सिंह ने भी वक्फ संशोधन विधेयक पर प्रतिक्रिया दी है. गिरिराज सिंह ने कहा, "यह बिल संवैधानिक है, मुसलमानों के हित में, गरीबों के हित में है... जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वे मुस्लिम विरोधी हैं."
वहीं दूसरी ओर पटना में जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, "जहां तक जेडीयू का सवाल है, जेपीसी की बैठकों के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जो सुझाव दिए गए थे, उनमें से ज्यादातर को शामिल किए जाने की सूचना है. इसलिए पार्टी की ओर से सांसदों को व्हिप जारी किया गया है कि संसद की कार्यवाही के दौरान सदन में रहना है और सरकार के पक्ष में मतदान करना है."
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