Voter List Verification Campaign: पटना में निर्वाचन आयोग की ओर से चलाया जा रहा वोटर वेरिफिकेशन ड्राइव अब जमीनी स्तर पर शुरू हो चुका है. राजधानी के अलग-अलग इलाके में बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं. उनके साथ एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट भी रहते हैं जो अभियान की निगरानी करते हैं.
गुरुवार (03 जुलाई, 2025) को एबीपी न्यूज़ की टीम ने मतदाता पुनरीक्षण अभियान को लेकर ग्राउंड पर जाकर जाना कि कैसे क्या कुछ हो रहा है. राजीव नगर में दिखा कि बीएलओ मतदाताओं को फॉर्म बांट रहे हैं और उन्हें यह भी समझा रहे हैं कि उसे कैसे भरना है और कौन-कौन से दस्तावेज देने हैं.
क्या है एनुमरेशन फॉर्म
इस फॉर्म में मतदाता को उनका नाम, पता, फोटो, EPIC नंबर, आधार नंबर, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, माता-पिता का नाम जैसी जानकारी देनी है. साथ ही मतदाता को हालिया फोटो लगाना अनिवार्य है. फॉर्म भरने के बाद इसे बीएलओ को वापस देना होगा.
कौन से दस्तावेज करने होंगे जमा?
एक जुलाई 1987 से पहले जन्मे लोगों को अपनी जन्म तिथि या जन्म स्थान की पुष्टि के लिए कोई एक वैध दस्तावेज देना होगा. इसके लिए पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, सरकारी पहचान पत्र, बैंक/LIC/पोस्ट ऑफिस से जारी दस्तावेज, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज मान्य होंगे. वहीं एक जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाताओं को अपने दस्तावेजों के साथ माता-पिता में से किसी एक का वैध दस्तावेज भी देना अनिवार्य होगा.
विपक्ष के आरोपों पर क्या बोले मतदाता?
दूसरी ओर इस अभियान को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं. महागठबंधन का आरोप है कि चुनावी साल में यह अभियान बीजेपी के इशारे पर चलाया जा रहा है और इससे गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं. हालांकि, स्थानीय वोटरों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि यह प्रक्रिया जरूरी और पारदर्शी है. इससे वोटर लिस्ट में शुद्धता आएगी और नए मतदाताओं के नाम जुड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष संस्था है और किसी भी पार्टी के दबाव में नहीं आती.
अभियान की निगरानी में कोई ढिलाई नहीं
वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट लगातार निगरानी कर रहे हैं. स्थानीय लोगों को इस प्रक्रिया में पूरा सहयोग मिल रहा है. अधिकारियों का कहना है कि ड्राइव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ चलाया जा रहा है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि कोई भी पात्र नागरिक वोट देने के अधिकार से वंचित न रहे और फर्जी नामों को सूची से हटाया जा सके.