पटना: राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कराए जाने को लेकर जातीय जनगणना (Caste Based Census) पर बनी सहमति पर वीआईपी (VIP) ने एक अहम बयान दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति (National Spokesperson Dev Jyoti) ने कहा कि सरकार इसके लिए कुछ ऐसी व्यवस्था भी करें ताकि जातिय जनगणना भी हो जाए और जनता पर इसका कम से कम भार पड़े.

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देव ज्योति ने कहा कि उनकी पार्टी जातीय जनगणना के पक्ष में हमेशा से ही रही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) पहले ही इस बात की भी घोषणा कर चुके हैं कि अगर राज्य सरकार अपने बूते पर जातीय जनगणना करना चाहती है तो वह पार्टी फंड से पांच करोड़ रुपए देने को तैयार है. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में जातीय जनगणना कराने पर सरकार के ऊपर 500 करोड़ का खर्च आएगा, जिसे बढ़कर दो हजार करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है. ऐसे में सरकार के राजकोष के ऊपर भारी-भरकम दबाव बन सकता है. अतः राज्य सरकार चाहे तो इसके लिए कुछ और उपाय भी कर सकती है.

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सरकार के पास एकत्र होगा फंड

देव ज्योति ने सलाह देते हुए कहा कि राज्य सरकार को कुछ ऐसी पहल भी करनी चाहिए ताकि तमाम एमपी, विधानसभा सदस्य और विधान पार्षद के फंड से भी एक निश्चित राशि जातीय जनगणना कराने के लिए राज्य सरकार उपयोग करें. इससे एक तरफ सरकार के पास फंड एकत्र होगा, वहीं दूसरी तरफ आम जनता पर भी दबाव कम पड़ेगा.

निषाद आरक्षण पर जल्द निर्णय लें केंद्र सरकार

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने यह भी कहा कि सीएम नीतीश कुमार द्वारा निषाद आरक्षण को लेकर पूर्व अग्रसारित किए गए प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि निषाद आरक्षण पर केंद्र सरकार राज्य सरकार द्वारा अग्रसारित किए गए प्रस्ताव पर जल्द से जल्द निर्णय लें.

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