बिहार में जारी वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर महागठबंधन के वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने कहा था कि जिस तरीके से चुनाव ऐयोग के आदेश पर जल्दबाजी में बीएलओ बिहार में काम कर रहे हैं, वो सही नहीं है. अगर किसी का नाम बेवजह वोटर लिस्ट से कटता है तो लोग हंगामा करेंगे. बीएलओ का घर जला सकते हैं. मारपीट कर सकते हैं. उनके इस बयान पर बिहार में सियासी पारा गर्म हो गया. एनडीए नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा की. इसके बाद मुकेश सहनी एक बार फिर बुधवार को कैमरे के सामने आए और कहा कि मरे बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है.  

वे ओवरटाइम कर रहे हैं- मुकेश सहनी

आईएएनएस को दिए अपने बयान में विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी ने कहा कि," मैं चुनाव आयोग से आग्रह करता हूं कि उन्हें एक महीने का वेतन बोनस के रूप में दिया जाए. मैं बिहार सरकार से भी अनुरोध करता हूं कि इन मेहनती बीएलओ को एक महीने का बोनस वेतन दिया जाए. अगर मेरी सरकार होती, तो मैं पहले ही इन सभी को एक महीने का वेतन दिवाली बोनस देने की घोषणा कर चुका होता, क्योंकि वे ओवरटाइम कर रहे हैं और बहुत मेहनत कर रहे हैं."

बता दें कि इससे पहले एएनआई से बातचीत में सहनी ने कहा था कि बिहारी अपने वोट के मामले में लोग गंभीर हैं. अगर 5-10 वोट है और आप उनका नाम काट दीजिएगा तो फिर यहां पर लड़ाई होगी. वो आदमी बीएलओ के घर पर चला जाएगा. उसके साथ गलत करेगा. उनके घर जला देंगे. अनर्थ हो जाएगा. इसको देखते हुए चुनाव आयोग सही निर्णय ले. 

बीजेपी और जेडीयू है सहनी पर हमलावर

उनके इस बयान से उनकी सहयोगी पार्टी आरजेडी ने किनारा कर लिया था, जबकि बीजेपी और जेडीयू ने उन पर जमकर हमला बोला. इसके बाद उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मेरी बात को कहा गया मेरे कहने का ऐसा कोई मतलब नहीं था. मैंने सिर्फ ये कहने की कोशिश की थी कि अगर किसी का बेवजह नाम कट गया तो भारी हंगामा होगा.