लखीसराय में बुधवार को एक शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान जेडीयू के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि लखीसराय का आतंक सूर्यगढ़ा का उम्मीदवार नहीं बनेगा. उन्होंने इशारों ही इशारों में आरजेडी के पूर्व विधायक प्रह्लाद यादव के बारे में ये बात कही है. इससे एनडीए के भीतर चल रही सियासी जंग साफ झलकने लगी है, क्योंकि बिहार के उपमुख्यमंत्री और लखीसराय विधायक विजय कुमार सिन्हा सूर्यगढ़ा के पूर्व विधायक प्रह्लाद यादव के साथ खड़े हैं.
प्रह्लाद यादव पर एनडीए में घमासान!
दरअसल विजय सिन्हा ने प्रह्लाद यादव को सूर्यगढ़ा से एनडीए का टिकट दिलाने का भरोसा दिलाया है. प्रह्लाद यादव अब अपने बेटे को राजग से चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में हैं, लेकिन ललन सिंह ने साफ कर दिया कि सूर्यगढ़ा जदयू की पारंपरिक सीट है और आगे भी रहेगी. भविष्य में कौन उम्मीदवार होगा, यह उनकी पार्टी तय करेगी.
मीडिया ने जब ललन सिंह से प्रह्लाद यादव को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि लखीसराय के आतंक को जेडीयू किसी भी हाल में टिकट नहीं देगी. हमें नहीं पता कि आरजेडी का कौन सा विधायक टिकट का दावेदार है. यह जेडीयू की सीट है और जेडीयू अपना उम्मीदवार तय करेगी. इसके साथ ही यह भी तय है कि लखीसराय का आतंक हमारा उम्मीदवार नहीं होगा.
उनके इस बयान से साफ हो गया कि जदयू किसी भी कीमत पर यह सीट छोड़ने को तैयार नहीं है. चर्चा तो ये भी है कि जदयू की ताकत दिखाने के लिए ही शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया था. ललन सिंह के इस कदम को एक राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है.
ये वही प्रह्लाद यादव हैं, जो 12 फरवरी 2024 को विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान आरजेडी से पाला बदला कर सत्ता पक्ष के साथ बैठ गए थे. अब एनडीए में उनको लेकर घमासान मचा है. जेडीयू किसी भी कीमत पर उन्हें टिकट देने के लिए तैयार नहीं है, जबकि विजय सिन्हा उनकी हिमायत में खड़े हैं.
इन योजनाओं में 34 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 19 सड़कें और 13 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले दो पुल शामिल हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की संपर्कता मजबूत होगी. यह शिलान्यास कार्यक्रम सूर्यगढ़ा बाजार में आयोजित किया गया, जहां जदयू कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने दोनों मंत्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया.
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