पटना: बिहार विधानसभा के स्थापना दिवस पर गुरुवार को प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. विधानसभा के सेंट्रल हॉल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) ने किया. इस मौके पर उन्होंने सदन की घटती मर्यादा पर चिंता व्यक्त करते हुए सदन के सदस्यों में मर्यादा बनाए रखने की अपील की. सदन की कार्यवाही सभी सदस्यों के सहयोग से सुचारू ढंग से चले उन्होंने इस मुद्दे पर बात किया. इस दौरान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य सदस्य भी मौजूद रहे. उन्होंने ने भी अपने विचार साझा किए. 


सहमति और असहमति होना स्वाभाविक


बिहार और विधानसभा भवन के स्वर्णिम इतिहास को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी और ज्ञान की भी भूमि है. लोकतंत्र वाद, विवाद और संवाद पर आधारित होना चाहिए. सभी सदस्यों को तर्कों के साथ बातों को शालीनता से रखना चाहिए. सहमति और असहमति होना स्वाभाविक है, लेकिन गतिरोध नहीं होना चाहिए. हमारे कार्य, व्यवहार व आचरण में लोकतंत्र है."


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सीएम नीतीश ने कही ये बात


इधर, कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि साल 2006 से प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. यह अच्छा प्रयास है. सीएम ने कहा कि अपनी बातों को सदम में मजबूती से रखने का विपक्ष को पूरा अधिकार है. लेकिन इसका तरीका सही होना चाहिए. वहीं, कार्यक्रम में शामिल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किए जाने पर चिंता जाहिर की. केंद्र और राज्य की भूमिका को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी. कार्यक्रम के दौरान विधानसभा अध्यक्ष समेत अन्य ने भी अपनी बातें रखीं. 


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