पटना: बिहार में जाति आधारित गणना (Bihar Caste Survey) का श्रेय लेने के लिए होड़ मची हुई है. इसका श्रेय लेते हुए तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने रविवार को कांग्रेस (Congress) पर निधाना साधते हुए कहा कि जब बिहार में हम लोगों ने जाति आधारित गणना करवाई उसके बाद ही आज देश में हर जगह जाति आधारित गणना की बात हो रही है. कांग्रेस पार्टी कभी भी जाति आधारित गणना की बात नहीं करती थी, लेकिन आज नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जहां भी जा रहे हैं वही कह रहे हैं कि अगर हमारी सरकार बनी तो हम देश में और राज्य में जाति आधारित गणना करवाएंगे. ये परिवर्तन हुआ है.


नित्यानन्द राय के दावा पर तेजस्वी का जवाब


तेजस्वी यादव ने आगे बीजेपी पर बोला हमला. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले जाति आधारित सम्मेलन भले ही करवा ले लेकिन नरेंद्र मोदी की नीति से लोग परेशान हैं इसलिए उनके कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुट पा रही है. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा और नित्यानन्द राय से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि इनके मिलने से कोई असर नहीं पड़ने वाला है. नित्यानन्द राय क्या दावा कर रहे हैं? इसमें कोई सच्चाई नहीं है बल्कि इन लोग के पास झूठ का पुलिंदा है.


महागठबंधन को मिल सकता है फायदा!


बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि इस सर्वेक्षण को कराए जाने से राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन को राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना है, क्योंकि वे ओबीसी और ईबीसी के हितों की रक्षा करने का दावा करता है. बता दें कि नीतीश सरकार ने बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं, जिसके अनुसार राज्य की कुल आबादी में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है. यहां जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से ईबीसी (36 प्रतिशत) सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है, इसके बाद ओबीसी (27.13 प्रतिशत) है.


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