बिहार में जारी मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विपक्षी दल के नेता विरोध कर रहे हैं. हालांकि बिहार में यह 90 फीसद से अधिक हो चुका है और 25 जुलाई की समय सीमा से पहले यह काम पूरा करना है. इस बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार (17 जुलाई, 2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें एसआईआर (SIR) से दिक्कत नहीं है लेकिन उसके जो तरीके हैं वो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है.

तेजस्वी यादव ने कहा, "हम लोग लोकतंत्र में रहते हैं और बिहार लोकतंत्र की जननी है… और इसी बिहार से लोकतंत्र को खत्म होते नहीं देख सकते हैं. इसको लेकर हम लोग हर प्लेटफॉर्म पर लड़ाई लड़ेंगे. देश भर के जितने बड़े नेता हैं उनको हम चिट्ठी लिख रहे हैं."

तेजस्वी ने कहा, "19 जुलाई को दिल्ली में INDIA गठबंधन की एक बड़ी बैठक मल्लिकार्जुन खरगे के साथ है उसमें हम शामिल होंगे.  अपनी बात को मजबूती के साथ रखेंगे."

35 लाख नाम हटाए जाने पर क्या बोले?

दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने इलेक्शन कमीशन के प्रेस नोट को दिखाते हुए कहा, "यह 16 तारीख का है. प्रेस नोट में हूबहू वही जो सूत्र ने जानकारी दी 35 लाख नाम हटाने की वही नंबर इलेक्शन कमीशन भी देता है और हटाने की बात करता है. सूत्रों के हवाले से अखबारों में भी 35 लाख की बात छपी थी, तो मेरा सवाल है कि अखबार की तीन दिन पुरानी खबर वही नंबर के साथ कैसे आई? जब प्रक्रिया चल रही है तो आंकड़े बदल सकते हैं. 2-3 दिन में कोई आंकड़ा नहीं बदला? सवाल खड़ा होता है कि अभी भी एक हफ्ते का समय बचा हुआ है तो 35 लाख की ये जानकारी कहां से आ गई? कई जगहों पर बीएलओ अभी तक नहीं पहुंचे हैं."

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