पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर रविवार को नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने सरकार से पूछा कि इतनी योजनाओं की जो घोषणा की गई हैं, उसके लिए पैसा कहां से आएगा. तेजस्वी ने कहा कि कुल 7 लाख 8 हजार 729 करोड़ की घोषणाएं की गई हैं, लेकिन बिहार का राजस्व सृजन क्या है? ये भी सरकार को बताना चाहिए.
7 लाख 8 हजार 729 करोड़ की घोषणा पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "विगत दिनों प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने कुल मिलाकर 7 लाख 8 हजार 729 करोड़ की घोषणा की. मैं मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि उनका विजन क्या है? आपके पास 1 लाख करोड़ नहीं है और आपने 7 लाख करोड़ से अधिक की बातें कर दी है. ये पैसा कहां से आएगा? बिहार का राजस्व सृजन क्या है? डबल इंजन वाले इस बार डबल रफ्तार से हारने जा रहे हैं. ये घोषणाएं डर है."
उन्होंने आगे कहा कि "ये सिर्फ हमारा नहीं ये बिहार की जनता का सवाल है. हम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से जानना चाहते हैं कि जो बजट तय हुआ है, आपने जो घोषणाएं की हैं, वह 7 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा की हैं, आप इसे कैसे संभव करेंगे? अगर भविष्य में और राजस्व की जरूरत पड़ी, तो आप उसे कैसे पूरा करेंगे. ये मेरा बहुत ही साधारण सवाल है और मैंने भ्रष्टाचारियों पर सवाल उठाया था कि क्या किसी पर कार्रवाई हुई."
तेजस्वी यादव ने आरजेडी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और बजट को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 20 सालों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन आज भी राज्य भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से जूझ रहा है. आरजेडी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता को गुमराह कर रहे हैं.
'बिहार का कुल बजट लगभग 3.16 लाख करोड़ रुपये'
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7.08 लाख करोड़ रुपये से अधिक की घोषणाएं की हैं, जबकि राज्य की वित्तीय स्थिति इतनी बड़ी योजनाओं को संभालने में सक्षम नहीं है. बिहार का कुल बजट लगभग 3.16 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें से लगभग 2 लाख करोड़ रुपये वेतन, पेंशन और ब्याज जैसी प्रतिबद्ध मदों पर खर्च किए जाते हैं. इससे सरकार के पास योजनाओं और विकास कार्यों के लिए केवल लगभग 1.16 लाख करोड़ रुपये ही बचते हैं. ये घोषणाएं केवल चुनावी माहौल बनाने के लिए हैं.