आरएलएम चीफ उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश अब एनडीए सरकार में पंचायती राज मंत्री बन गए हैं. उन्होंने कार्यभार भी संभाल लिया है. सरकार में मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष एनडीए सरकार को घेर रहा है तो दूसरी ओर एक और मुद्दा शुरू हो गया है. वह दीपक प्रकाश के काउंटिंग एजेंट बनने को लेकर है. इसको लेकर आरजेडी के साथ-साथ सोशल मीडिया पर पहले से ही सवाल उठाया जा रहा था तो अब तेज प्रताप यादव ने घेरा है.
जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने बीते रविवार (23 नवंबर, 2025) की रात अपने एक्स हैंडल से लिखा, "सासाराम में जमानत जब्त कराने वाले निर्दलीय प्रत्याशी रामायण पासवान के काउंटिंग एजेंट बने दीपक प्रकाश बिना चुनाव लड़े नीतीश सरकार में मंत्री बन गए. है ना मोदी-नीतीश का जादू?"
तेज प्रताप से पहले आरजेडी ने उठाया था सवाल
तेज प्रताप यादव से पहले 22 नवंबर को यही सवाल आरजेडी के हैंडल से पूछा गया था. लिखा गया था, "सासाराम में जमानत जब्त कराने वाले निर्दलीय प्रत्याशी रामायण पासवान के काउंटिंग एजेंट बने दीपक प्रकाश बिना चुनाव लड़े नीतीश सरकार में मंत्री बन गए. है ना मोदी-नीतीश का जादू? अब और कैसा विकास चाहिए बिहार में?"
अब समझें क्या है पूरा मामला
2025 के विधानसभा चुनाव में सासाराम विधानसभा क्षेत्र से करीब 22 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. निर्दलीय मैदान में उतरे रामायण पासवान के मतगणना एजेंट रालोमो सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश बने थे, जो अब पंचायती राज मंत्री हैं. रामायण पासवान को चुनाव चिह्न बेबी वॉकर मिला था. उन्हें 327 वोट मिले थे. जमानत जब्त हो गई थी.
दूसरी ओर सबसे बड़ी बात है कि उनके 327 वोट गिनने के लिए आरओ टेबल पर अभिकर्ता के रूप में दीपक प्रकाश बैठे थे जिसको लेकर अब सवाल उठाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं इनकी मां स्नेहलता कुशवाहा भी इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी थीं. वह जीत भी गई हैं. दीपक के मंत्री बनने के साथ ही चुनाव के दौरान आरओ द्वारा जारी इनका आईडी कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसे अब तेज प्रताप ने भी शेयर किया है.
काउंटिंग एजेंट का मतलब होता है वो व्यक्ति जो गिनती वाले दिन काउंटिंग हॉल में उम्मीदवार का प्रतिनिधि बनकर मतगणना टेबल पर मुस्तैद रहे. ज्यादातर बड़े राजनीतिक दल अपना काउंटिंग एजेंट नियुक्त करते हैं. रिटर्निंग ऑफिसर के हस्ताक्षर से पास बनता है. ऐसे में सवाल है कि जब सासाराम में दीपक प्रकाश की मां स्नेहलता चुनाव लड़ रही थीं तो फिर वो रामायण पासवान नाम के निर्दलीय उम्मीदवार का एजेंट क्यों बने?
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