Bihar News: बिहार का शिक्षा विभाग अक्सर सुर्खियों में रहता है. कभी कार्रवाई को लेकर तो कभी लापरवाही को लेकर. ताजा मामला नालंदा के नूरसराय प्रखंड स्थित चंद्रशेखर संस्कृत प्राथमिक सह मध्य विद्यालय लोहड़ी से जुड़ा है. आरोप है कि यहां के एक शिक्षक को 1995 से ही वेतन नहीं मिला है. विद्यालय के शिक्षक शिवाकांत पांडेय बीते 31 मार्च (2025) को प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त भी हो गए.

पत्नी ने लोक शिकायत निवारण केंद्र में लगाई गुहार

शिक्षक शिवाकांत पांडेय की पत्नी अंजू देवी ने जिले के लोक शिकायत निवारण केंद्र में गुहार लगाई है. उन्होंने बताया कि उनके पति के वेतन संबंधी मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल 2018 को संस्कृत विद्यालय के शिक्षकों के पक्ष में स्पष्ट आदेश पारित किया था. इसके बावजूद विभाग चुप है. 

ना घर चल रहा… ना इलाज के लिए पैसे

अंजू देवी का कहना है कि वह और उनके पति ने खुद कई बार संबंधित विभागों का चक्कर लगाया लेकिन आश्वासन ही मिला. अब तक वेतन नहीं मिला. इस लंबे इंतजार और मानसिक तनाव के कारण उनके पति शिवाकांत पांडेय कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो चुके हैं. उनके इलाज के लिए भी पैसा नहीं है. किसी तरह घर चल रहा है. अंजू देवी ने गुहार लगाई है कि उनके पति को जल्द से जल्द न्याय मिले. वेतन की पूरी राशि का भुगतान हो ताकि वे अपने पति का इलाज भी करा पाएं.

क्या कहता है विभाग?

इस पूरे मामले में विभाग का कहना है कि संस्कृत बोर्ड के निर्देश पर शिक्षक का वेतन रोका गया था. डीपीओ स्थापना आनंद शंकर ने बताया कि इस विद्यालय की तीन बार जांच की गई थी और हर बार विद्यालय बंद पाया गया था. वर्तमान में यह मामला डीईओ कार्यालय में चल रहा है. आदेश आने के बाद ही वेतन की राशि रिलीज की जाएगी.

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