पटना: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में कथित बिहारी मजदूरों पर हिंसा मामले को लेकर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी (Balamurugan D) के नेतृत्व में एक विशेष दल का गठन कर तमिलनाडु भेजा गया था. जांच करने के बाद यह टीम बिहार लौट आई है. इस मामले को लेकर बालामुरुगन डी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु भ्रमण के बाद पाया गया कि घटनाएं जिनके वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हुए वह घटना इस संदर्भ में नहीं घटी थीं, ये सभी वायरल वीडियो (Viral Video) गलत पाए गए. इसे प्रवासी मजदूर पैनिक थे. अब लोग फेक न्यूज को समझ गए हैं. वहीं, मजदूरों की मदद के लिए टॉल फ्री नंबर भी जारी किया गया था. अब वहां स्थिति सामान्य है.
'कथित हिंसा मामले को लेकर कई संस्थाओं से हुई बात'
बालामुरुगन डी ने बताया कि हमारी टीम चेन्नई के कोयम्बटूर और कन्नूर जैसे जगहों में गई. वहां लेबर यूनियन के रिप्रेजेन्टेटिव सहित कई लोगों से मीटिंग हुई. जो बिहार के निवासी तमिलनाडु में काम करते हैं उनसे बातचीत हुई. इसके अलावा मुख्य सचिव, तमिलनाडु सरकार, तमिलनाडु के डीजीपी सभी के साथ मीटिंग हुई. साथ ही वहां रह रहे लोगों से भी मामले को लेकर बातचीत की गई.
प्रचलित वीडियो भ्रामक है- जांच टीम
आगे ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने बताया कि विशेष दल द्वारा यह भी बताया गया कि 4 मार्च 2023 को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के स्तर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अतिथि श्रमिकों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन भी दिया गया. वर्तमान में लोग यह समझने लगे हैं कि प्रचलित वीडियो भ्रामक है और गलत एवं भ्रामक सूचना फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिये तमिलनाडु सरकार के अधिकारी कड़े कदम उठा रहे हैं. वहीं, इस टीम में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी, सीआईडी के आईजी पी कन्नन, विशेष सचिव आलोक कुमार, एसटीएफ एसपी संतोष कुमार शामिल थे.