पटना: राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने रविवार को कहा कि अडाणी समूह (Adani Group) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में सभी विदुओं पर क्लीनचिट मिलने के बाद इस मद्दे पर संसद ठप करने और प्रधानमंत्री मोदी पर अनर्गल आरोप लगाने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और ललन सिंह (Lalan Singh) को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. भारत में आर्थिक हड़कंप मचाने की नीयत से जारी हिडेनबर्ग की रिपोर्ट पर आंख मूंद कर भरोसा करने वाले पूरे विपक्ष का पानी उतर गया है. एक तरफ जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह अडाणी से द्वेष-वश अनर्गल आरोप लगाते हैं, दूसरी तरफ उनके मुख्यमंत्री अडाणी को बिहार के वारसलीगंज में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए 70 एकड़ जमीन देते हैं. यह दोहरापन कैसी राजनीति है?
'अब बोलती बंद हो गई'
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने शेयर बाजार पर नजर रखने वाली संस्था सेबी की भूमिका में भी कोई गड़बड़ी नहीं पाई. सदन में जो लोग 20 से 80 हजार करोड़ तक के शेयर घोटाले का आरोप लगा रहे थे, उनकी बोलती बंद हो गई, लेकिन थेथरोलॉजी पर कोई रोक नहीं लग सकती. इससे पहले राफेल विमान सौदे में घोटाले के मनगढ़ंत आरोप लगाने और 'चौकीदार चोर' कहने के कारण राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर माफी मांगनी पड़ी थी.
सेबी कर रहा है जांच
बीजेपी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार और महागठबंधन में शामिल दल यदि अडाणी समूह पर लगाये गए आरोपों को सही मानते हैं, तो बिहार में उन्हें दी गई जमीन का आवंटन रद करायें. बता दें कि हिंडनबर्ग के द्वारा अडानी समूह के ऊपर लगाए गए आरोपों की जांच अभी बाजार नियामक सेबी कर रहा है. जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट की एक विशेषज्ञ समिति कर रही है. समिति ने कहा है कि अडानी समूह के शेयरों के भाव में हेराफेरी का कोई सबूत नहीं मिला है.
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