पटना: पूर्व कृषि मंत्री आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने विधानसभा सत्र (Bihar Assembly) को निराशाजनक बताया. उन्होंने बुधवार को कहा कि मेरे द्वारा लाए गए निजी विधेयक पर चर्चा नहीं हुई. विधायिका के लिए यह असम्मानजनक है. लोगों को यह प्रयास करना होगा कि विधायिका अपने कार्यों को सही तरीके से करे. इसके लिए सभी लोगों के दबाव बनना होगा. समाज के सभी स्टेकहोल्डर्स को इसके लिए प्रयास करना होगा. विधानसभा सत्र सिर्फ दिखावे के लिए है. दोनों सत्रों की अवधि बढ़ानी होगी.
शराबबंदी पर सुधाकर सिंह ने दिया सुझाव
लॉ एंड ऑर्डर के सवाल पर सुधाकर सिंह ने कहा कि हमने कभी लॉ एंड ऑर्डर पर कोई सवाल नहीं उठाया. मैंने सिर्फ शराबबंदी को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी में सारी फोर्स लग जाती है. फोर्स शराब पकड़ने में लग जाती है. इसके लिए अलग फोर्स होनी चाहिए, जिससे लॉ एंड ऑर्डर में दिक्कत नहीं आएगी. बिहार का लॉ एंड ऑर्डर अन्य राज्यों के तुलना में बहुत बेहतर है.
जातीय जनगणना व्यक्तिगत कोई राय नहीं- सुधाकर सिंह
जातीय जनगणना पर आरजेडी नेता ने कहा इसका अधिकार संसद से पास होता है तो उस पर कोई व्यक्तिगत राय नहीं. संसद से बड़ा कोई नहीं है. बीजेपी का आरोप है कि कोड से जातियों में तनाव पैदा हो सकता है. इस पर उन्होंने कहा कि बीजेपी बाकायदा कोड लेकर पैदा हुई है अगर उनके पास कोड न हो तो उसकी राजनीति मर जाएगी. कोई विकास का एजेंडा बीजेपी के पास नहीं है.
'आरोप-प्रत्यारोप से काम नहीं चलेगा'
रोहतास और नालंदा मामले पर पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि इसमें शामिल सभी लोगों को चिन्हित करना चाहिए. राजनीतिक दलों के संलिप्तता की भी जांच होनी चाहिए. सीएम नीतीश कुमार कहते है कि हिंसा प्रायोजित था. प्रशासन प्रायोजित करने वालों को पहचान करें और दोषी को दंडित करें. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से काम नहीं चलेगा. दोषी को चिन्हित किया जाना चाहिए.