हाजीपुर: बिहार के हाजीपुर में पुलिस थाने से पुलिस वाले ही शराब की तस्करी (Hajipur News) करते रंगे हाथ पकड़े गए. थानाध्यक्ष से लेकर, संतरी, चौकीदार, सभी मिलकर 900 लीटर विदेशी शराब को तस्कर के हाथों बेचने (Liquor Smuggling) के फिराक में थे, लेकिन पटना उत्पाद विभाग की टीम ने रंगे हाथ सभी को सराय थाना पहुंचकर धर दबोचा. थानाध्यक्ष सहित चार पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है और प्राथमिक दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है. सभी आरोपी को गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया गया है.


उत्पाद विभाग की टीम को मिली थी सूचना


दरअसल, पूरा मामला हाजीपुर के सराय थाना क्षेत्र का है, जहां शनिवार की रात सराय थाना में पकड़ी गई कुल 3700 लीटर अवैध शराब को विनष्टीकरण किया गया था. विनष्टीकरण की सारी प्रक्रिया पूरी भी कर ली गई थी, लेकिन भ्रष्ट थानाध्यक्ष और मालखाना प्रभारी, रात्रि पहरेदार चौकीदार और एक संतरी ने मिलकर 900 लीटर विदेशी शराब को छिपा कर रख लिया और मात्र 2800 लीटर ही शराब को नष्ट किया. मालखाना से शराब की कार्टून को गाड़ी में लोडकर शराब तस्कर के पास भेजा ही जाना था, लेकिन इसकी सूचना पटना उत्पाद विभाग की टीम को लग गई.


शराब की कीमत 15 लाख रुपए बताई गई


मौके पर उत्पाद विभाग की टीम पहुंचकर छापेमारी की तो मामले का खुलासा हुआ. सभी आरोपी पकड़े गए. लगभग 15 लाख रुपए की शराब की हेरा-फेरी करने में लगे हुए थे. थानाध्यक्ष और सभी आरोपी पुलिसकर्मी द्वारा थाने से शराब की तस्करी की खबर जैसे ही वैशाली के एसपी रवि रंजन को लगी वो तुरंत सराय थाना पहुंच गए. एसपी ने थानाध्यक्ष विदुर कुमार, मालखाना प्रभारी मुनेश्वर कुमार, संतरी सुरेश कुमार और चौकीदार रामेश्वर राय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इस मामले में थानाध्यक्ष और आरोपी पुलिसकर्मी के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कर सभी को जेल भेज दिया गया.


मेडिकल जांच नहीं कराई थी पुलिस


हाजीपुर की पुलिस जिन चार आरोपी पुलिसकर्मी और थानेदार को गिरफ्तार कर जेल भेज रही थी, उसे बिना मेडिकल जांच कराए ही रविवार की देर शाम रात कोर्ट में सुपुर्द करना चाह रही थी, लेकिन सभी आरोपी पुलिसकर्मी का मेडिकल जांच नहीं होने के कारण कोर्ट ने आपस भेज दिया. इसके बाद आनन-फानन में सभी पुलिसकर्मी को सदर अस्पताल हाजीपुर लाया गया. 


दोबारा कराया गया मेडिकल 


वहीं, इस दौरान संत्री सुरेश कुमार ने मौका देखते ही पुलिसकर्मी से हाथ छुड़ाकर भाग निकला, लेकिन स्थानीय लोग और पुलिस के द्वारा पीछा कर पकड़ लिया गया. इसके बाद फिर से दोबारा मेडिकल करा कर सभी को न्यायालय में सुपुर्द किया गया और रविवार को ही सभी को जेल भेज दिया गया.


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