सिवान: 15 नवंबर को मो. शहाबुद्दीन (Shahabuddin) की बेटी हेरा शहाब (Hera Shahab) की धूमधाम से शादी हुई. सोमवार को मोतिहारी से दोपहर तीन बजे निकली बारात शाम के करीब 6 बजे सिवान पहुंची. इसके बाद बारातियों का जोरदार स्वागत किया गया. सिवान शहर के पुरानी किला चमड़ा मंडी स्थित एक होटल में बारात ठहरी सफायर इन मे बारात ठहरी थी. करीब 8 बजे गाजे-बाजे और हाथी-घोड़े के साथ बारात निकली और दरवाजे पर पहुंची. तस्वीर में देख सकते हैं कि हेरा शहाब अपनी सहेलियों के साथ हैं. वहीं दूसरी तस्वीर में मो. शादमान हैं जिनसे हेरा की शादी हुई. इस दौरान दूल्हा और दुल्हन को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ लगी रही.  


होटल से बारात निकलने के बाद उसका शहर के कई अलग-अलग जगहों पर स्वागत किया गया. फूलों की बारिश की गई. एक रथ पर सवार थे दूल्हे राजा मो. शादमान तो दूसरे रथ पर रानिकोठी के राजा कहे जाने वाले दूल्हे के पिता मो. इफ्तेखार साहब सवार थे. जमकर आतिशबाजी के साथ बारात प्रतापपुर पहुंची. यहां धूमधाम से निकाह का कार्यक्रम संपन्न हुआ.




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तेजस्वी के साथ आरजेडी के कई विधायक पहुंचे


ऐसे तो बारातियों के स्वागत के लिए स्थानीय स्तर पर आरजेडी के विधायक अवध बिहारी चौधरी, हरिशंकर यादव, बच्चा पांडेय के साथ पूर्व एमएलसी टुन्ना पांडेय सहित अन्य सभी लोग तैयारी में लगे हुए थे. बारात जैसे ही शहाबुद्दीन के घर प्रतापपुर पहुंची ठीक उसी वक्त तेजस्वी यादव भी पहुंचे और करीब ढाई घंटे तक ओसामा साहब के साथ वे मौजूद रहे.


कई वीआईपी नेता भी हुए शादी में शामिल


बता दें कि हेरा की शादी और ओसामा की रिसेप्शन पार्टी में बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव, आरजेडी के विधायक रीतलाल यादव, पूर्व सांसद गिरधारीलाल यादव सहित कई अन्य नेताओं की भीड़ जुटी थी. सबने अपना-अपना आशीर्वाद दिया.


प्रतापपुर की बढ़ाई गई थी सुरक्षा


शादी में भीड़ ज्यादा होने की खबर को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट था. एक तरफ रेनुआ से लेकर प्रतापपुर तक दोपहर में एसडीओ रामबाबू बैठा और एसडीपीओ जितेंद्र पांडेय ने पूरे गांव का जायजा लिया तो वहीं दूसरी तरफ शाम को बारात आने के पहले से ही पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था. हुसैनगंज के थानाध्यक्ष रामएकबाल यादव प्रतापपुर गांव पहुंचकर खुद कमान संभाले थे.


भाई ने पूरी की पिता की कमी


भले ही हेरा शहाब के सिर पर पिता का हाथ नहीं है लेकिन भाई ओसामा ने जो इंतजाम खाने-पीने से लेकर सजावट तक का किया था उससे यह पता चल गया कि भाई ने पिता की कमी महसूस नहीं होने दी. इस शाही शादी की चर्चा बिहार ही नहीं बल्कि कई राज्यों में थी.


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