बिहार के समस्तीपुर में विश्व एड्स दिवस के मौके पर सोमवार (01 दिसंबर) को हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. सदर अस्पताल से जिला सिविल सर्जन एसके चौधरी ने इस रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. रैली गोलंबर चौराहे, समाहरणालय ओवरब्रिज होते हुए वापस सदर अस्पताल पर आकर खत्म हुई.

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विश्व एड्स दिवस के मौके पर सोमवार को शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह-जगह सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से जागरूकता रैली निकाली गई. स्टूडेंट्स ने पोस्टर और स्लोगन के जरिए शहरवासियों को एड्स के प्रति जागरूक किया और सुरक्षित जीवनशैली अपनाने की अपील की.

CMO विशाल कुमार ने क्या कहा?

समस्तीपुर के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) विशाल कुमार ने बताया, ''नेशनल एड्स कंट्रोल की जो गाइडलाइन है, उसके तहत हमलोगों ने सदर अस्पताल से रैली निकाली ताकि लोगों के बीच में एड्स और एचआईवी के बारे में जागरूकता फैले. समाज में जो छुआछूत की जो संभावना है, उसे कंट्रोल किया जा सके. बहुत सारे एड्स के मरीज एआरटी सेंटर तक पहुंच नहीं पाते हैं तो उनको भी ये लगेगा कि अब हमें पहुंचना है और इलाज करवाना है. इसी संदेश के साथ रैली निकाली गई है.''

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मोनी रानी के नेतृत्व में जागरूकता रैली

रैली का नेतृत्व संस्थान की चेयरपर्सन मोनी रानी ने किया, जो शिक्षा और सामाजिक विकास दोनों क्षेत्रों में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए जानी जाती हैं. मोनी रानी लंबे समय से महिला सशक्तिकरण, शिक्षा को बढ़ावा, स्वास्थ्य जागरूकता और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसेवा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं.

'जागरूकता की कमी से एड्स आज भी गंभीर समस्या'

रैली को हरी झंडी दिखाते हुए उन्होंने कहा, ''एड्स आज भी जागरूकता की कमी के कारण गंभीर समस्या बन चुकी है. बीमारी से डरना नहीं, बल्कि उसके बारे में सही जानकारी फैलाना हमारा कर्तव्य है. युवाओं की भागीदारी से ही समाज इस बीमारी से लड़ने में सक्षम बन सकता है.''

एएनएम स्कूल की सैकड़ों छात्राओं और सदर अस्पताल में कार्यरत मेडिकल कर्मियों ने भाग लिया. रैली का आयोजन जिला एड्स बचाव नियंत्रण इकाई, आर्ट एसटीडी आईसीडीपीटी और ब्लड बैंक के सहयोग से किया गया था.

एड्स से बचाव जागरूकता रैली का मुख्य मकसद

जागरूकता रैली का मुख्य उद्देश्य एड्स से बचाव के बारे में जानकारी देना था. विशेष रूप से बाहर प्रदेशों में काम करने वाले लोगों को एचआईवी टेस्ट कराने की सलाह दी. एड्स जानलेवा नहीं है. समय पर जानकारी मिलने पर इससे बचा जा सकता है. छात्राओं ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया.

जागरूकता रैली में बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल

रैली में बड़ी संख्या में छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय नागरिकों ने हिस्सा लिया. सभी ने एचआईवी या एड्स से जुड़े मिथकों को दूर करने और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने की अपील की. इस मौके पर सिविल सर्जन डॉक्टर एस के चौधरी ने बताया कि एड्स से बचने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय खुद पर नियंत्रण रखना है. अपने साथी के प्रति वफादार रहने को लेकर भी उन्होंने सलाह दी और कहा कि एड्स से बचने के लिए कंडोम ही सहारा है. अधिकारी ने यह बात मजाकिया लहजे में भी कही. उन्होंने कहा, "अगर पार्टनर आवारा है, तो कंडोम ही सहारा है."