सासाराम: रामनवमी (Ram Navami) जुलूस के दौरान हुई हिंसा की घटना मामले में पुलिस ने बीजेपी (BJP) के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद (Jawahar Prasad) को गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी के बाद बीजेपी नीतीश सरकार (Nitish Kumar) को घेर रही है. बीजेपी इसे विद्वेष भावना से की गई कार्रवाई बता रही है. वहीं, इस मामले को लेकर रोहतास एसपी विनीत कुमार (Rohtas SP) ने शनिवार को प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने बताया कि सासाराम में सांप्रदायिक हिंसा के पहले एक बैठक की गई थी. इसमें पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद, उनके पुत्र और अन्य लोग शामिल थे. इस बैठक के बाद ही शहर में दंगे की आग भड़की थी. इस मामले में पूर्व विधायक की गिरफ्तारी हुई है.


12 लोगों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से मिला है आदेश- एसपी 


एसपी विनीत कुमार ने बताया कि 12 लोगों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से आदेश प्राप्त हुआ है. इस मामले में 41 नामजद सहित 500 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया था, जिसमें 64 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. उन्होंने बताया कि 22 नामजद लोगों की गिरफ्तारी हुई है. साथ ही अज्ञात में 42 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जबकि दो लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है.


कोर्ट से आदेश के बाद हुई गिरफ्तारी


बता दें कि बीती रात बीजेपी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को उनके आवास से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. एफआईआर में पूर्व विधायक का नाम नहीं था, लेकिन बाद में अप्राथमिकी मतलब अज्ञात अभियुक्तों में उनका नाम शामिल किया गया है और कोर्ट से प्राप्त आदेश के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है.


ये कर चुके हैं सरेंडर 


बता दें कि रामनवमी जुलूस के बाद हुई हिंसा और पत्थबाजी मामले में बीजेपी के तीन नेताओं ने गत 17 अप्रैल को शिवसागर थाने में सरेंडर किया था. तीन सरेंडर करने वालों में डॉ. शिवनाथ चौधरी, सोनू सिन्हा और रॉबिन केसरी शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि शिवनाथ चौधरी और सोनू सिन्हा सासाराम नगर बीजेपी के अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं जबकि रॉबिन केसरी भी नगर बीजेपी में महत्वपूर्ण पद पर रहे हैं. डॉ. शिवनाथ चौधरी, श्रीराम जन्मोत्सव कमेटी अध्यक्ष हैं. सोनू सिन्हा महामंत्री के पद पर हैं जबकि रॉबिन केसरी भी कमेटी के सदस्य हैं. 


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