Bihar News: बिहार में शराबबंदी को 8 साल हो गए हैं. लेकिन, शराब बेचने वाले और पीने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. उनके अंदर पुलिस का डर तो जैसे खत्म सा हो गया है. तभी तो वो शराब तस्करी के नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं. ताजा मामला रोहतास जिले से सामने आया है जहां कब्रिस्तान की एक कब्र से शराब की खेप बरामद हुई है.

पूरा मामला रोहतास जिले के दरिगांव थाना क्षेत्र का है, जहां कदिरगंज के अलावल खान मकबरा के पास स्थित कब्रिस्तान में शराब माफियाओं ने पुरानी कब्रों को अपना गुप्त ठिकाना बना रखा था. पुलिस जब वहां पहुंची तो शराब तस्कर फरार हो चुके थे, लेकिन जब छानबीन की गई, तो एक पुरानी कब्र के अंदर बोरी में भरकर छिपाई गई देसी शराब की खेप मिली.

50 लीटर देसी महुआ शराब बरामदपुलिस के अनुसार, कब्र के अंदर से करीब 50 लीटर देसी महुआ शराब बरामद की गई है. दरिगांव थाने के सब-इंस्पेक्टर रोहित कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि कब्रिस्तान में अवैध शराब की खेप छिपाई गई है. सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की और कब्र से भारी मात्रा में शराब जब्त की. पुलिस ने अज्ञात तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

गौरतलब है कि ये कोई पहला मामला नहीं है. करीब दो साल पहले भी सासाराम में इसी तरह कब्रिस्तान से शराब बरामद की गई थी. अब एक बार फिर शराब माफियाओं की इस करतूत ने प्रशासन के लिए सिरदर्द बढ़ा दिया है.

शराबबंदी के बावजूद जारी है धंधा बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं की मांग पर यह कानून बनाया था. हालांकि, इसके बावजूद अवैध शराब का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा. समय-समय पर सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन किए, लेकिन तस्करों ने नए-नए तरीके अपनाकर इस धंधे को जारी रखा है.

विपक्षी दल भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार निशाना साधते रहे हैं. फिलहाल पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और शराब तस्करों की पहचान करने की कोशिश कर रही है. सवाल यह है कि जब कब्रगाह भी सुरक्षित नहीं हैं, तो शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन कैसे संभव होगा? प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.

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