बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव मंगलवार को गयाजी के विष्णुपद मंदिर पहुंचे. लालू यादव के आगमन को लेकर जिला प्रशासन के जरिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई. लालू यादव साथ पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और उनकी बहू राज श्री भी पहुंची हैं.

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मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा अर्चना की

गयाजी आने के बाद लालू यादव ने विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में विशेष पूजा अर्चना की. उसके बाद विष्णुपद मंदिर के समीप लालू प्रसाद यादव ने अपने पितरों को मोक्ष और उद्धार की कामना करते हुए पिंडदान और तर्पण किया.

लालू प्रसाद यादव के गयापाल तीर्थ पुरोहित शंभू ने बताया कि यह दूसरी बार अपने पितरों का पिंडदान करने गयाजी आए है. इसके पहले जब वह रेल मंत्री थे, उस वक्त अपने पितरों का पिंडदान और तर्पण करने यहां पहुंचे थे. पिंडदान को लेकर विष्णुपद मंदिर परिसर में विशेष व्यवस्था की गई.

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है.

धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि इस 15 दिनों के पितृपक्ष मेला के महालया योग में सभी मृत पितर यहां आकर पिंडदान, तर्पण के लिए अपने वंशजों और पुत्रों का इंतजार करते है. यही कारण है कि पितृपक्ष मेला की अवधि के दौरान देश–विदेश से लाखो की संख्या में हिन्दू सनातन धर्मावलंबी यहां आकर अपने पितरों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कार्य करते है.

पिंडदान के लिए गयाजी पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु

बता दें कि गयाजी में पिंडदान वर्ष भर में कभी भी किया जा सकता है, लेकिन 15 दिवसीय पितृ पक्ष पर्व के दौरान या किसी भी माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम, पंचमी, तृतीया या एकादशी तिथि को पिंडदान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है. पितृ पक्ष मेले के दौरान देश-दुनिया के विभिन्न स्थानों से लाखों श्रद्धालु पिंडदान के लिए गयाजी पहुंचते हैं.

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