Bihar News: बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने एक बयान में कहा कि “इस देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट ज़िम्मेदार है”. इस पर सियासी भूचाल आ गया है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqui) ने रविवार को इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति संविधान की शपथ लेता है और फिर सुप्रीम कोर्ट जैसी सर्वोच्च संस्था का अनादर करता है, उसे संसद में रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने मांग की कि निशिकांत दुबे के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए और उनकी सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए.
उन्होंने द्वेष फैलाने की शिक्षा ली है- सिद्दीकी
सिद्दीकी ने कहा, "निशिकांत दुबे ने संविधान की शपथ खाई है, लेकिन उनके आचरण से लगता है जैसे उन्होंने द्वेष फैलाने की शिक्षा ली है. हमने तो सीखा है ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’, जिसमें हर धर्म के लोग बराबरी से रहते हैं."
आरएसएस पर तंज कसते हुए सिद्दीकी ने कहा कि कुछ लोग भारतीय संविधान की शपथ तो लेते हैं, लेकिन असल में आरएसएस के संविधान का पालन करते हैं. उन्होंने कहा, "अगर उनका सपना है कि एकतरफा राज लाकर संविधान बदल देंगे, हिंदू राष्ट्र बनाएंगे या दूसरों को भगा देंगे, तो ये सपना कभी पूरा नहीं होगा. देश की एकता को तोड़ने की कितनी भी कोशिश कर लें, यह मुमकिन नहीं है.
'बीजेपी ने उनका बचाव किया है, कार्रवाई नहीं'
सिद्दीकी ने बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि पार्टी ने निशिकांत दुबे का बचाव किया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा, “सिर्फ बोलने से कुछ नहीं होता, जो आदत से मजबूर हो जाता है, वह सुधारने से भी नहीं सुधरता.”
वहीं एसवाई कुरैशी पर निशिकांत दुबे की टिप्पणी को लेकर सिद्दीकी ने सवाल उठाया कि जब कुरैशी मुख्य चुनाव आयुक्त थे, तब निशिकांत दुबे कोर्ट क्यों नहीं गए? बता दें कि एस वाई कुरैशी पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त हैं. उनकी एक टिप्पणी पर निशिकांत दूबे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जवाब देते हुए कहा कि “चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त” की भूमिका निभा रहे थे."
आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आगे इस पर कहा कि “चुनाव आयुक्त को संविधान ने शक्ति दी है. अगर कोई व्यक्ति जाति या संप्रदाय के आधार पर टिप्पणी करता है तो यह खराब आचरण है. जनता इसका जवाब देगी.” गौरतलब है कि निशिकांत दूबे झारखंड के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं.