Munna Shukla: वैशाली में 25 मई को छठे चरण में वोटिंग है. महागठबंधन से आरजेडी प्रत्याशी बाहुबली मुन्ना शुक्ला हैं. उनका मुकाबला एनडीए से लोजपा आर की प्रत्याशी वीणा देवी (मौजूदा सांसद) से है. मुन्ना शुक्ला आज (30 अप्रैल) मुजफ्फरपुर समाहरणालय में नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे. उससे पहले मुजफ्फरपुर क्लब स्टेडियम में महागठबंधन की रैली हुई जिसमें मुन्ना शुक्ला, मुजफ्फरपुर से कांग्रेस प्रत्याशी अजय निषाद, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी व अन्य नेता मौजूद रहे.


रैली के बाद नामांकन दाखिल करने के बाद मुन्ना शुक्ला ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि मैं बाहुबली नहीं, वैशाली का बेटा हूं. जनता यहां खुद चुनाव लड़ रही है. मेरा मुकाबला किसी से नहीं. हर वर्ग मेरा समर्थन कर रहा है. कोई चुनौती नहीं. वैशाली से सांसद रहे दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद वैशाली का विकास रुक गया. मुझे यहां का विकास करना है. मौजूदा सांसद ने कोई काम नहीं किया. पीएम आवास योजना के तहत आवास नहीं बन रहा है. मनरेगा का पैसा मजदूरों को नहीं मिल रहा है. चीनी मिल खुलेगा. एयरपोर्ट बनेगा. 


40 सीटों पर बिहार में जलेगा लालटेन- मुन्ना शुक्ला 


मुन्ना शुक्ला ने कहा पीएम मोदी मुद्दों की बात नहीं कर रहे हैं. उनको बताना चाहिए था कि 10 साल में उन्होंने क्या काम किया? मंगलसूत्र की बात कर रहे हैं. पीएम का 400 पार का नारा ढकोसला है. बिहार में एनडीए का सभी 40 सीट जीतने का सपना सपना रह जाएगा. जनता से कहना है कि केंद्र की सत्ता से झूठे लोगों को हटाइए. सभी 40 सीटों पर बिहार में लालटेन जलेगा. उसी से दिल्ली में सरकार बनेगी. लोकतंत्र खतरे में है. संविधान बदलने की बात चल रही है. 25 मई को जनता वोट करे हमको. परिवर्तन की लहर है.


इस बार पहले 2 चरणों की वोटिंग देख लें तो 8 प्रतिशत कम वोटिंग पिछले बार के मुकाबले हुई. केंद्र सरकार का वोट कम हुआ. विरोधी लहर है. केंद्र सरकार हर साल 2 करोड़ रोजगार नहीं दी, 15 लाख लोगों के खाते में नहीं आया इसलिए जनता बीजेपी को वोट नहीं कर रही है.


जेल जा चुके हैं मुन्ना शुक्ला 


बता दें मुन्ना शुक्ला डीएम जी कृष्णैया, मंत्री बृज बिहारी प्रसाद के हत्या के आरोप में जेल जा चुके हैं. मुन्ना शुक्ला पर हत्या, फिरौती, रंगदारी जैसे तमाम संगीन आरोप लगे. 2002 में जेल ही चुनाव लड़कर मुन्ना शुक्ला चुनाव जीत गए. वहीं, साल 2005 के चुनाव और मध्यावधि चुनाव में जदयू के टिकट पर विधायक बने. साल 2009 में एक बार फिर से जदयू ने मुन्ना शुक्ला को मैदान में उतारा, लेकिन इस बार उन्हें मात मिली. इसके बाद मुन्ना शुक्ला ने साल 2010 में अपनी पत्नी अन्नु शुक्ला को लालगंज सीट से जदयू का टिकट दिलवाया और वह चुनाव जीत गईं.


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