बिहार में राजद के अंदर नेतृत्व और टिकट वितरण को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. राजद की महिला प्रदेश अध्यक्ष रितु जायसवाल ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए साफ किया है कि अगर उन्हें परिहार से टिकट नहीं दिया गया तो वह स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी. उनका कहना है कि परिहार की मिट्टी और जनता के सुख-दुख, संघर्ष और उम्मीदों को उन्होंने करीब से महसूस किया है. इसलिए किसी अन्य क्षेत्र से चुनाव लड़ना उनके लिए अस्वीकार्य है.
रितु जायसवाल ने बताया कि जैसे ही यह चर्चा फैली कि उन्हें परिहार की बजाय बेलसंड से टिकट दिया जा सकता है, परिहार की जनता ने सोशल मीडिया और फोन के माध्यम से उन्हें समर्थन संदेश भेजना शुरू कर दिया. लोगों की एक ही अपील थी- 'मैडम, परिहार को मत छोड़िए.' जनता का यह समर्थन उनके लिए भावनात्मक रूप से बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ.
परिहार की वर्तमान स्थिति के लिए ये लोग जिम्मेदार- रितु जायसवाल
रितु जायसवाल ने पार्टी नेतृत्व के सामने स्पष्ट किया कि परिहार की वर्तमान स्थिति के लिए सिर्फ वर्तमान बीजेपी विधायक गायत्री देवी ही नहीं, बल्कि पूर्व विधायक डॉ. रामचंद्र पूर्वे भी जिम्मेदार हैं. डॉ. पूर्वे ने पिछले विधानसभा चुनाव में राजद के एमएलसी रहते हुए पार्टी से गद्दारी की थी, जिसके कारण रितु को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.
पार्टी निर्णय नहीं बदलती है तो निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव- जायसवाल
रितु ने आरोप लगाया कि पार्टी ने इस बार डॉ. पूर्वे की बहू को परिहार से टिकट दिया है, जिसे उन्होंने गद्दारी का 'पुरस्कार' बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीतिक चालों से क्षेत्र के विकास और जनता की उम्मीदों को नजरअंदाज किया जा रहा है. रितु ने साफ किया कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व को स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया है कि अगर पार्टी निर्णय नहीं बदलती है, तो वह परिहार से ही स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि यह निर्णय आसान नहीं है, लेकिन यह उनके मन की आवाज़ और परिहार की जनता के भावनाओं का सम्मान भी है.
राजनीतिक करियर में नई हलचल ला सकता है जायवाल का कदम
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि रितु जायसवाल के इस कदम से राजद के लिए चुनौती बढ़ सकती है. अगर वह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ती हैं, तो वोटिंग पैटर्न और गठबंधन समीकरणों पर असर पड़ सकता है. पिछले साल शिवहर लोकसभा चुनाव और 2020 के विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद रितु का यह साहसिक कदम उनके राजनीतिक करियर में नई हलचल ला सकता है.
इस पूरे मामले ने स्पष्ट कर दिया है कि परिहार विधानसभा सीट पर आगामी चुनाव काफी दिलचस्प और रोमांचक रहने वाला है, जहां जनता की भावनाएं और नेताओं की रणनीतियां निर्णायक भूमिका निभाएंगी.