बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अमीन, कानूनगो और अभियंता समेत सभी सर्वेक्षण संविदा कर्मी अपनी पांच सुत्री मांगों को लेकर 16 अगस्त से हड़ताल पर थे. सरकार ने इन्हें  हड़ताल खत्म करने का 30 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन अब ये संविदा कर्मी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. 

कर्मी वापस नहीं आए तो होगी कार्रवाई 

सरकार ने उन्हें अल्टीमेट देते हुए कहा कि अगर 30 अगस्त तक कर्मी वापस आते हैं तो उन पर विचार किया जाएगा और नहीं आते हैं तो कार्रवाई होगी. वहीं आंदोलन कर्मी भी तुम डाल-डाल, मैं पात-पात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है. पिछले 2 दिन पहले विभाग ने अल्टीमेटम जारी किया तो उसी दिन से ये लोग आमरण अनशन पर बैठ गए हैं और साफ तौर पर कहा है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

आंदोलन कर रहे हैं संविदा कर्मियों ने कहा कि विभाग को जो निर्णय लेना है ले, लेकिन हम लोग की मांग जब तक पूरी नहीं होगी तब तक हम लोग आंदोलन जारी रहेगा. अभी 10 लोग आमरण अनसन पर हैं जिसमें दो लोगों की स्थिति नाजुक हो गई तो उन्हें पीएमसीएच भेजा गया है. हालांकि वह दोनोॆ खतरे से बाहर हैं. 8 लोग यहां हैं और इनके साथ हजारो संविदा कर्मी अपनी मांग के को लेकर गर्दनीबाग में डटे रहे.  

उन लोगों ने कहा कि विभाग अल्टीमेटम देता रहेगा, लेकिन हम लोग हर हाल में अपनी मांग को लेंगे. आगे कहा कि हम लोग को विशेष भूमि सर्वे के लिए 2019 में बहाल किया गया था. विभाग के अनुसार 2026 तक भूमि सर्वे का काम चलेगा तो उसके बाद हम लोग की उम्र भी खत्म हो जाएगी, तो हम लोग क्या करेंगे. हम लोग तो पूरी तरह बेरोजगार हो जाएंगे. इसलिए अब करो या मरो की स्थिति में आ गए हैं.

करीब 13000 विशेष सर्वेक्षण कर्मी परेशान 

बता दें कि पूरे बिहार में करीब 13000 विशेष सर्वेक्षण के लिए संविदा कर्मी बहाल किए गए हैं, जिसमें विशेष सर्वेक्षण अमीन, कानूनगो, अभियंता एवं अन्य विशेष सर्वेक्षण कर्मी है. इन लोगों की मुख्य मांग है कि हम लोग की 60 साल की नियमित नौकरी की जाए, लेकिन विभाग ने सीधे तौर पर इंकार कर दिया है और विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने साफ कर किया है कि यह प्रावधान में नहीं है. अगर 30 अगस्त तक आते हैं तो उन पर विचार किया जाएगा और जो नहीं आते हो पर ना तो विचार किया जाएगा और उन पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी.

विभाग के आंकड़ों के अनुसार करीबी 21सौ संविदा कर्मी आंदोलन छोड़कर काम पर वापस आ गए हैं. तो 383 संविदा कर्मियों को बर्खास्त भी किया जा चुका है. इसके बाद भी आंदोलनकारीयों का साफ तौर पर कहना है कि उन्होंने बर्खास्त करना शुरू कर दिया है, लेकिन हम लोग बर्खास्तगी से डरने वाले नहीं हैं. जब तक विभाग हम लोगों से इस मसले पर बात नहीं करेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें: Rajdev Ranjan Murder Case: राजदेव रंजन हत्याकांड में 3 दोषी करार, 10 सितंबर को सजा का ऐलान, लड्डन मियां समेत 3 बरी