बिहार चुनाव में तेज प्रताप और तेजस्वी यादव दो धुरों में बंटे हुए हैं. एक तरफ तेज प्रताप यादव को लालू परिवार ने अलग कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव को पूरे परिवार का समर्थन प्राप्त है. लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे ही एक दूसरे के सामने चुनाव-प्रचार में जुटे हुए हैं. ऐसे में महुआ सीट और राघोपुर सीट पर सियासी समीकरण दिलचस्प दिखाई दे रहे हैं.
महुआ विधानसभा पर एक नजर
महुआ सीट से तेज प्रताप यादव खुद चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. राजद की तरफ से वर्तमान विधायक मुकेश रोशन को प्रत्याशी घोषित किया गया है. एनडीए की तरफ से लोजपा को यह सीट दी गई है. चिराग पासवान ने संजय कुमार सिंह को मैदान में उतारा है. इसके अलावा जनसुराज पार्टी ने इंद्रजीत प्रधान को टिकट दिया है.
बता दें, तेज प्रताप यादव साल 2015 के विधानसभा चुनाव में पहली बार यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. वहीं साल 2020 के चुनाव में उन्होंने अपनी सीट बदल दी थी. उन्होंने समस्तीपुर की हसनपुर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत गए थे.
तेजस्वी यादव बनाम तेज प्रताप यादव
बिहार चुनाव के लिए तेजस्वी यादव इंडिया गठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं. दोनों ही भाई एक दूसरे के खिलाफ धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के बीत इस परिवारिक रंजिश ने राज्य के मतदाताओं के लिए देखने लायक फैमिली ड्रामा बना दिया है.
तेजस्वी यादव एक युवा और मॉर्डन नेता की छवि को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं तेज प्रताप यादव अकेले ही लालू प्रसाद यादव की परंपरा को साबित करने में लगे हुए हैं.
पहले चरण में होगी महुआ सीट पर वोटिंग
बता दें महुआ में गुरुवार (6 नवंबर) को पहले चरण में वोटिंग होनी है. 2025 के चुनाव के पहले चरण में महुआ सीट सबसे ज्यादा चर्चित सीट बनी हुई है. इस सीट पर राजद मजबूत रही है. अब यहां का चुनाव परिवारिक रंजिश और गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला हो गया है.
मुकेश रोशन इस सीट पर मौजूदा विधायक हैं. इस बार उन्हें महागठबंधन ने फिर से उम्मीदवार बनाया है. यह सीट वैशाली जिले में आती है. इस सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इस वजह से सीट पर कुछ भी हो सकता है. मुस्लिम-यादव समिकरणों वाली इस सीट पर राजद और तेज प्रताप के आ जाने से मुकाबला त्रिकोणीय होता दिखाई दे रहा है. वहीं महुआ सीट पर यादवों के अलावा राजपूत, पासवान, कुशवाहा भी हैं.
राघोपुर सीट पर तेजस्वी यादव तीसरी बार इस सीट से जीतने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. परिवार की तरफ से उन्हें पूरा समर्थन मिल रहा है. इस सीट पर रोमांचक मुकाबला होने जा रहा है. राजद और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है. तेजस्वी यादव ने अपने माता-पिता की मौजूदगी में 15 अक्टूबर को नामांकन किया था. उनके साथ उनकी बहन सांसद मीसा भारती भी नजर आईं थीं.
वहीं महुआ सीट की बात करें तो तेज प्रताप यादव अपनी पार्टी को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इस चुनाव में वे त्रिकोणीय मुकाबले का सामना कर रहे हैं. वह 5 साल के अंतर के बाद इस सीट पर लौटे हैं. तेज प्रताप इस सीट पर मेडिकल कॉलेज के मुद्दों को लेकर दोबारा चुनाव की मांग कर रहे हैं. वहीं तेज प्रताप यादव अपने हाथ में दादी की फोटो लेकर नॉमिनेशन करने पहुंचे थे.
राघोपुर और महुआ सीट का समीकरण
राघोपुर विधानसभा वैशाली जिले की सीट है. यहां पर अनुसूचित जाति, एसटी, मुस्लिम, शहरी और ग्रामीण मतदाता हैं. 2020 के चुनावों के अनुसार इस विधानसभा में 3,44,369 वोटर हैं. राघोपुर में 505 मतदान केंद्र बनाए गए थे. पिछले चुनाव में इलाके के 58.06 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था.
महुआ सीट पर भी मुस्लिम, अनुसूचित और एसटी मतदाता हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 2,86,501 मतदाता थे. जिन्होंने 406 मतदान केंद्रों में वोट डाला था. वहीं इलाके के 60.06 प्रतिशत मतदाताओं ने पिछले विधानसभा चुनावों में अपने वोट का इस्तेमाल किया था.
तेज प्रताप यादव को लालू परिवार से बाहर कर दिया गया
बता दें, मई 2025 में लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया. एक फेसबुक पोस्ट की वजह से उन्हें बाहर किया गया. दरअसल 12 साल के रिश्ते को लेकर उनके खिलाफ एक पोस्ट किया गया था. जिसके बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया था. तेज प्रताप के तलाक का केस अभी तक लंबित है.
परिवार से अलग होने के बाद तेज प्रताप ने जनशक्ति जनता दल पार्टी का गठन किया. पार्टी अब बिहार में चुनाव लड़ रही है. पहले चरण में पार्टी ने 28 उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है. वहीं दूसरे चरण की बात करें तो तेज प्रताप ने 28 प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाया है. अगर बात करें तो पार्टी ने राज्य में कुल 45 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.