पटना: राजधानी पटना में एक छात्र को दोस्ती पर विश्वास करना महंगा पड़ गया और उसे इसकी कीमत जान देकर चुकानी पड़ी. पूरा मामला जानकर हैरान हो जाएंगे कि किस तरह एक दोस्त ने झांसे में लेकर पहले घूमाने ले गया और फिर उसे मारकर (Patna News)तालाब में फेंक दिया. इसके बाद उसके परिजनों से फिरौती की मांग करने लगा, लेकिन पुलिस ने अब सारे मामले से पर्दा उठा दिया है. घटना 17 सितंबर की है जब पूर्णिया के रहने वाले बिल्डर मो. अजीम के मोबाइल पर उसके बेटे अली असगर के मोबाइल से कॉल आया लेकिन किसी दूसरे व्यक्ति ने मोबाइल से बात की और कहा आपके बेटे को हमने अपहरण कर लिया है. अली को अगर सही सलामत चाहते हो तो 20 लाख रुपये अपने बेटे के अकाउंट में डाल दो और पुलिस को सूचना नहीं देना.
फोन कॉल के साथ आरोपी कुछ साक्ष्य भी वह अली असगर के घर पर भेजता रहा. पांच दिनों तक अली के पिता मो. अजीम अपहरण कर्ता की बात मानते रहे, लेकिन जब कुछ शक हुआ तो मोहम्मद अजीम ने 23 सितंबर को पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने चार दिनों के अंदर पूरे मामले से पर्दा उठा दिया, लेकिन पुलिस अली असगर को बरामद नहीं कर पाई. अली अकबर को आरोपी ने मौत के घाट उतार दिया था.
फिरौती के लिए हुई थी साजिश
छात्र अली असगर पूर्णिया का रहने वाला था और पटना के बहादुरपुर थाना क्षेत्र स्थित एक लॉज में रहकर कंपटीशन की तैयारी कर रहा था, लेकिन 17 सितंबर को अली का संपर्क परिवार वालों से टूट गया. इसके बाद उसी दिन शाम में अपहरण कर्ता का फोन आया. वहीं, अली असगर पटना में रह रहा था तो उसके पिता ने पटना के बहादुरपुर थाना में मामला दर्ज कराया. पटना पूर्वी के एसपी संदीप सिंह ने सारे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही हमको यह सूचना मिली कि छात्र का अपहरण हुआ और फिरौती मांगी गई है तो हम लोगों ने टीम गठित किया. टीम ने बारीकी से जांच पड़ताल शुरू की और मोबाइल लोकेशन के आधार पर इस कांड में जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से एक पिस्टल, 11 जिंदा कारतूस, तीन मोबाइल और अली असगर का एटीएम कार्ड बरामद हुआ है.
दोस्तों ने अली को मारकर तालाब में फेंका
एसपी संदीप सिंह ने कहा कि तीनों आरोपियों की पूछताछ से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार गिरफ्तार साहिल अंजुम और नावेद रजा, यह दोनों अली असगर के करीबी दोस्त थे. दोनों पूर्णिया के रहने वाले हैं. अंजुम और नावेद से इसलिए अच्छी दोस्ती थी. इसी का फायदा उठाकर अंजुम साहिल और नावेद रजा ने प्लान बनाया और फिर पटना के रहने वाले शाहनवाज के साथ मिलकर 16 सितंबर को अली असगर को घूमने के लिए पूर्णिया चलने को कहा. तीनों उसी दिन पूर्णिया चले गए और वायसी थाना क्षेत्र में अली को गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद उसके शव को तालाब में फेंक दिया फिर वापस पटना चले आए. पटना आकर अली के मोबाइल से ही फिरौती की मांग करने लगे. पांच दिनों तक अपहरण कर्ता बनकर अली के पिता से बात करते रहे और अली के अकाउंट में 50 हजार रुपए भी मंगवाए थे और अली के एटीएम कार्ड से पैसे निकाल लिए थे. इन लोग का प्लान भी पूरा पैसा अली के अकाउंट में मंगवाने का था और एटीएम से ही निकलने का था, लेकिन पुलिस ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया.
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने बताया कि अली असगर की कहां पर हत्या की थी? इसके बाद पुलिस ने बायसी थाना से संपर्क किया तो जानकारी मिली कि 20 सितंबर को पुलिस को वहां तालाब में लाश मिली थी, जिसकी पहचान करने में पुलिस जुटी हुई थी. एसपी संदीप सिंह ने कहा कि जब पूरी तरह कंफर्म हो गया तो पटना, पूर्णिया और महाराष्ट्र में छापेमारी करके तीनों आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. मोबाइल लोकेशन के आधार पर नावेद राजा को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया, जबकि साहिल अंजुम को पूर्णिया से और शाहनवाज को पटना से गिरफ्तार किया गया. अंजुम के पास से अली का एटीएम कार्ड बरामद किया गया जिसमें उसने ही 50 रुपये मंगवाए थे.
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