बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार विधानसभा के स्पीकर बने हैं. निर्विरोध रूप से विधानसभा का अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्होंने पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेरा लंबा अनुभव है. 9वीं बार विधायक बना. नेता प्रतिपक्ष रहा, मंत्री रहा. जो नियमावली है उसी के हिसाब से सदन चलेगा. सुचारु रूप से चलेगा. सत्ता पक्ष और विपक्ष सब मेरे लिए एक बराबर होंगे. सभी को अपनी बात रखने का मौका अच्छे से मिलेगा. 

Continues below advertisement

उन्होंने आगे कहा, ''हमको भी सबका सहयोग चाहिए. यही लोकतंत्र की खूबसूरती है. लोकतंत्र की परंपरा के अनुरूप CM नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव मुझे स्पीकर की कुर्सी तक ले गए और आसन पर बैठाया. मैं दोनों नेताओं का स्वागत करता हूं, उन्हें धन्यवाद देता हूं. मुझे जो ज़िम्मेदारी मिली है, उसमें सभी को साथ लेकर बेहतर तरीके से सदन का संचालन करेंगे.''

प्रेम कुमार ने 1975 के इमरजेंसी का भी किया जिक्र

प्रेम कुमार ने कहा, ''मैं साल 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में शामिल हुआ था. मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सदस्य था. धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया. उस समय जननायक कर्पूरी ठाकुर जी, रामानंद तिवारी जी समेत कई नेताओं का मुझे सानिध्य मिला. बाद में आंदोलन लोकनायक जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में चला. 1975 में आपातकाल लग गया. इमरजेंसी में हमलोग जेल चले गए. अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, चंद्रशेखर जी, चौधरी चरण सिंह और बिहार के कई नेता जेल में चले गए.'' 

'NDA नेताओं के भरोसे पर खरा उतरने का काम करूंगा'

उन्होंने आगे बताया, ''जेल से वापस जब आए तो 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी और फिर राजनीतिक यात्रा शुरू हुई. उसके बाद 1980 में बीजेपी में आ गए. 1980 से 1990 तक बीजेपी संगठन में काम किए. 1990 से लगातार अब तक विधायक बनने का मौका मिला. 2015 में मैं नेता प्रतिपक्ष भी रहा. 2005 से लगातार मंत्रिमंडल में रहने का मौका मिला. इस बार एनडीए के नेताओं ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी दी है. निश्चित तौर पर उनके विश्वास पर खरा उतरने का काम करूंगा.''